डूंगरपुर

शिक्षा विभाग अलर्ट, 12 दिसंबर को डूंगरपुर में छात्राओं को बांटेगी साइकिलें

Rajasthan News : आखिकार शिक्षा विभाग का मूड बदल गया। लेटलतीफी के बाद 12 दिसंबर को डूंगरपुर सहित पूरे राजस्थान में छात्राओं को साइकिलें बंटेंगी।

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Rajasthan News : राजस्थान शिक्षा विभाग लेटलतीफी के मूड़ में ही है। चालू शैक्षिक सत्र में शिक्षकों की डायरियां आधा सत्र गुजरने के बाद बटी है। इसी तरह सत्र की शुरूआत में बांटी जाने वाली छात्राओं को साइकिल भी अब छमाही परीक्षा से ठीक पहले बांटी जाएगी। प्रदेश सरकार के निर्देश पर 12 दिसबर को सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर राज्य स्तरीय समारोह में वर्चुअल रूप से प्रदेश में एक लाख 25 हजार छात्राओं को साइकिल दी जाएगी। डूंगरपुर जिले में भी छह हजार बेटियां लाभान्वित होंगी। साइकिलों का वितरण नोडल विद्यालयों में होगा।

राजनीति का रंग

दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने एवं विद्यालय से अधिक दूरी के कारण बीच में पढ़ाई छोड़ने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से वर्ष 2007-08 से शुरू हुई नि:शुल्क साईकिल वितरण योजना सरकार बदलने के साथ ही राजनीति की भेंट भी चढ़ी हैं। इसके साथ ही इनका रंग सरकार के साथ ही बदलता भी रहा है। कांग्रेस सरकार साइकिलों पर काला रंग तो भाजपा सरकार आते ही भगवा रंग करवा देती है। इस बार छात्राओं को भगवा रंग की साइकिलें मिलेगी।

इन्हें नहीं मिलेगा लाभ

योजना के तहत जिन बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर की राशि हर माह मिलती है। उन्हें साइकिल नहीं मिलेगी। सरकार की ओर से स्कूल के तीन से लेकर पांच किमी के दूरी से आने वाली छात्राओं को दैनिक उपस्थिति के हिसाब से 20 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से आने जाने के लिए अतिरिक्त दी जाती है।

सरकार दें बजट

साइकिलों का वितरण नोडल केन्द्रों पर होगा। पर, नोडल केन्द्रों से संबंधित विद्यालयय तक साइकिलों को ले जाने के लिए कोई बजट के प्रावधान नहीं है। ऐसे में एक बार फिर बॉयज फण्ड पर परिवहन मद से मार पड़नी तय है।

योजना पर ही लग रहे हैं सवाल…

प्रदेश सरकार हर वर्ष हजारों साइकिलें बांट रही है। पर, इनकी उपयोगिता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। वर्ष 2007-08 से शुरू हुई इस योजना के तहत जिले सहित पूरे प्रदेश में अब तक लाखों साइकिलें बांट दी गई है। यदि जिले की ही बात करें, तो इस वर्ष छह हजार साइकिलें बट रही है। पर, वितरण के दूसरे ही दिन स्कूलों में साइकिल लेकर पहुंचने वाली बालिकाओं की संख्या 10 फीसदी से भी कम रहती है। स्थितियां ये है कि यह साइकिल औने-पौने दाम में थोड़े दिन में भंगार में बिक जाती हैं। गुजरात आदि शहरों में लोडिंग लॉरी बनाने पहुंच जाती है। ऐसे में सरकार को साइकिल वितरण योजना की समीक्षा करने की जरूरत है।

12 दिसम्बर को इतनी बटेगी

ब्लॉक - साइकिल
आसपुर - 300
बिछीवाड़ा - 1000
चिखली - 400
डूंगरपुर - 900
दोवड़ा - 500
झोथरी - 500
गलियाकोट - 300
साबला - 400
सागवाड़ा - 1200
सीमलवाड़ा - 500

कुल - 6000

साइकिल 3933 रुपए की, 76 रुपए हुई महंगी

सरकार ने कोहिनूर साइकिल्स प्राइवेट लिमिटेड लुधियाना पंजाब फर्म को तीन लाख 25 हजार 200 साइकिलों की आपूर्ति का आदेश जारी किया है। गत साल प्रदेश में 7 लाख 58 हजार 391 साइकिलें बांटी गई थी। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में प्रति साईकिल 3933 रुपए कर सहित राशि तय की गई है। जबकि, गत वर्ष 3857 रुपए तय किए थे। इस वर्ष की साइकिल गत वर्ष की तुलना में 76 रुपए अधिक महंगी है।

साइकिल वितरण की तैयारियां जारी

साइकिल वितरण की तैयारियां जारी है। सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल होने पर नोडल केन्द्रों में साइकिलें बांटी जाएगी

आरएल डामोर, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक

Published on:
11 Dec 2024 04:49 pm
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