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Gita Jayanti 2024 : अचरज में हैं लोग, भगवत गीता लाइब्रेरी में विदेशी पढ़ रहे श्लोक

Gita Jayanti 2024 : गीता जयंती आज 11 दिसंबर 2024 को है। जयपुर की भगवत गीता लाइब्रेरी में 87 भाषाओं में गीता पढ़ी जा रही है। विदेशियों को संस्कृत के श्लोकों का शुद्ध उच्चारण करता देख लोग अचरज में हैं।

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Gita Jayanti 2024 People are Surprised Foreigners are Reading shlokas in Bhagavad Gita Library

Gita Jayanti 2024 : आज 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती है। जयपुर में मानसरोवर के इस्कॉन मंदिर और जगतपुरा के कृष्ण बलराम मंदिर में चल रही भगवत गीता लाइब्रेरी में 87 भारतीय राज्यों और विदेशी भाषाओं में गीता पढ़ी जा रही है। पत्रिका संवाददाता से बातचीत में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष मान पंचरत्न दास ने बताया कि लाइब्रेरी में रखी गीता को पढ़कर युवाओं को संस्कारवान बनाने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।

भगवत गीता लाइब्रेरी में है 87 भाषाओं में है गीता

वहीं, कृष्ण बलराम मंदिर जयपुर उपाध्यक्ष अनंत शेष दास ने कहा कि देश-दुनिया के युवा आध्यात्मिकता के जुड़ाव के लिए यहां आते हैं। यहां आकर ध्यान और साधना करते हैं, विशेष रूप से गीता पाठ ज़रूर करते हैं। विदेशियों को संस्कृत के श्लोक का शुद्ध उच्चारण करता देख लोग अचरज में हैं। युवाओं और भक्तों के लिए मंदिर परिसर में 87 भारतीय राज्यों और विदेशी भाषाओं की भगवत गीता रखी है, जो युवाओं के जीवन में आध्यात्म का प्रकाश डालती है। यहां अलग-अलग भाषाओं की भगवद गीता रखी गई है। जिनमें हिंदी, उर्दू, चाइनीस, स्पेनिश, जर्मनी, इटालियन और रशियन सहित अन्य भाषाओं में पढ़ी जा रही है।

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जयपुर में आज होंगे विशेष आयोजन

गीता जयंती पर गीता दान एवं वितरण महोत्सव, गीता कांटेस्ट, इंटरनेशनल गीता ओलंपियाड और बुक मैराथन जैसे विशेष कार्यक्रम होंगे। वहीं, मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण बलराम का विशेष अलंकार किया जाएगा। सभी भक्त एक साथ मिलकर गीता के 700 श्लोकों का पाठ करेंगे। संध्या के समय गीता महायज्ञ का आयोजन होगा। 18 दिन 18 कहानियां बच्चों के लिए आयोजित होगी।

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उर्दू में भी पढ़ी जा रही गीता

उर्दू में लिखी गीता उन मुस्लिम लोगों के लिए लिखी गई है, जो सिवा उर्दू के अलावा दूसरी भाषा नहीं जानते हैं। इस गीता के छपने के बाद इसकी मुस्लिमों में काफी मांग है। उर्दू में लिखी गीता का उद्देश्य इसके संदेशों को हर धर्म के लोगों तक पहुंचाना है। अब तक हजार से ऊपर उर्दू की प्रतियां छपकर लोगों की बीच जा चुकी हैं।

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