ACB Action : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो डूंगरपुर ने खेरवाड़ा कातरवास नाका पर लकड़ी से भरे वाहनों को छोड़ने के एवज में रिश्वत लेने के मामले में दो वनरक्षकों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
डूंगरपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो डूंगरपुर ने खेरवाड़ा कातरवास नाका पर लकड़ी से भरे वाहनों को छोड़ने के एवज में रिश्वत लेने के मामले में दो वनरक्षकों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
एसीबी महानिदेशक गोविन्द गुप्ता ने बताया कि एसीबी डूंगरपुर को परिवादी ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें बताया था कि परिवादी व उसका पार्टनर दोनों लकड़ी का व्यापार करते है। 29 नवंबर को परिवादी का फलासिया से ट्रक जा रहा था, जिसमें नीलगिरी व सेमल की लकड़ी भरी हुई थी।
वहीं, झाडोल से भी एक अन्य वाहन नीलगिरी से भरा रवाना किया था। दोनों वाहनों के चालकों के पास इसके वैध दस्तावेज भी थे, इसके बावजूद 30 नवंबर को सुबह सूचना मिली की वाहनों को वन विभाग के कातरवास नाके पर रोक दिया है।
साथ ही वाहन छोड़ने की एवज में वन रक्षकों की ओर से रिश्वत मांगी जा रही है। यहां वाहन छोड़ने के लिए वन रक्षकों व परिवादी के बीच बातचीत के बाद 80 हजार रुपए देना तय हुआ। एसीबी टीम ने शिकायत का सत्यापन करवाया।
सत्यापन सही पाए जाने पर डॉ. रामेश्वर सिंह उप महानिरीक्षक पुलिस के सुपरविजन व एसीबी डूंगरपुर प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक रतन सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे। यहां वनरक्षक महेश कुमार मीणा व विजेश अहारी को 80 हजार रुपए लेते गिरफ्तार किया। आरोपियों से मामले में विस्तृत पूछताछ की जा रही है।