दुर्ग

CG News: 28 अक्टूबर के बाद बंद हो जाएगा 60 से अधिक पत्थर खदान, जानें क्या है नियम..

CG News: दुर्ग जिले के 60 से ज्यादा खदानों का संचालन 28 अक्टूबर के बाद बंद हो जाएगा। लिहाजा इन खदान संचालकों को अब पत्थर खनन के साथ इससे जुड़ी तमाम गतिविधियां बंद करनी पड़ेगी।

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Oct 27, 2024

CG News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के 60 से ज्यादा खदानों का संचालन 28 अक्टूबर के बाद बंद हो जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद इन खदानों के संचालन के लिए स्टेट इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी (एसईआईएए) की पर्यावरणीय मंजूरी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए खदान संचालकों को दी गई मियाद 27 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी। लिहाजा इन खदान संचालकों को अब पत्थर खनन के साथ इससे जुड़ी तमाम गतिविधियां बंद करनी पड़ेगी।

CG News: कोर्ट के आदेश पर 27 अक्टूबर तक था समय

CG News: किसी भी गौण खनिज के खदानों की अनुमति से पहले पर्यावरण पर प्रभाव को लेकर आंकलन कराया जाता है। इसकी निश्चित प्रक्रिया है। इससे पहले तक ऐसे गौण खनिज खदानों को डिस्ट्रिक्ट इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी द्वारा पर्यावरणीय एनओसी दे दी जाती थी।

CG News: लेकिन इसमें स्थानीय स्तर पर घालमेल और मिलीभगत से पर्यावरण पर दुष्प्रभावों और स्थानीय लोगों की सहमति को दरकिनार कर एनओसी जारी कर दिए जाने की शिकायत रहती थी। इसकी लगातार शिकायतों को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त आदेश जारी किए थे।

CG News: जिसके मुताबिक अब गौण खनिज के खदानों के संचालन के लिए डिस्ट्रिक्ट इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी के एनओसी मान्य नहीं होंगे और स्टेट इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी के एनओसी के बिना खदानों को संचालन नहीं किया जा सकेगा। इससे पहले तक जिले के 75 पत्थर खदान डिस्ट्रिक्ट इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी के एनओसी पर संचालित किए जा रहे थे।

जनसुनवाई में विरोध, इसलिए नहीं रूचि

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद पर्यावरण विभाग ने पहले ही इस संबंध में गाइड लाइन जारी कर खदान संचालकों को स्टेटे इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी से पुनर्मूल्याकन के लिए कहा था, लेकिन किसी भी खदान संचालक ने इस पर रूचि नहीं ली। इसके लिए प्रभावित गांव में जनसुनवाई कराया जाना है।

सेलूद क्षेत्र में जनसुनवाई में खदानों को लेकर लगातार विरोध सामने आता रहा है। ऐसे में खदान संचालकों के लिए स्टेट की एनओसी मुश्किल हो रहा है। खदानों के बंद होने की स्थिति बन गई है।

पर्यावरण विभाग ने दोबारा दी छह माह की राहत

पहले तय मियाद को स्टेटे इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी की मंजूरी की प्रक्रिया के लिहाज से अपर्याप्त और खदानें बंद होने से खनिजों का संकट होने का हवाला देते हुए खदान संचालकों ने पर्यावरण विभाग से समय मांगा था। इसमें खदान संचालकों ने मियाद बढ़ाए जाने की मांग की थी। इस पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने डिस्ट्रिक्ट इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी की पर्यावरणीय मंजूरी की वैधता को 27 अक्टूबर तक बढ़ा दिया था। यह मियाद अब समाप्त हो गई है। संचालक मंजूरी नहीं ले पाए हैं।

एनजीटी ने अप्रैल में लगा दी थी रोक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सेंट्रल जोनल बेंच भोपाल ने अप्रैल 2023 में स्टेटे इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी के मूल्यांकन और पर्यावरणीय मंजूरी को अनिवार्य कर दिया था। इससे साथ ही पर्यावरण विभाग ने अप्रैल 2023 में ही एक साल का अवसर देते हुए इस संबंध में गाइड लाइन जारी कर दिया था। इसके खिलाफ मध्यप्रदेश के खदान संचालक सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, जिस पर कोर्ट ने मापदंडों के उचित परिपालन का निर्देश दिया था। इसके मुताबिक 27 अप्रैल 24 तक के लिए खदान संचालकों को मियाद दी गई थी।

Updated on:
27 Oct 2024 12:56 pm
Published on:
27 Oct 2024 12:55 pm
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