शिक्षा

AIIMS AI App: एम्स ने आत्महत्या रोकने के लिए लॉन्च किया एआई आधारित ऐप, जानें कैसे करेगा काम?

AIIMS AI Suicide Prevention App: देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान AIIMS ने मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। ऐम्स ने छात्रों की सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए AI आधारित मोबाइल ऐप लॉन्च किया है।

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Sep 12, 2025
AIIMS ने आत्महत्या रोकने के लिए लॉन्च किया एआई आधारित ऐप। (Image Source: Gemini AI)

AIIMS New AI App: आजकल मेंटल प्रेशर की वजह से छात्रों में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में एम्स-दिल्ली ने बुधवार को छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए इससे, निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम शुरू किया है। इस ऐप के जरिए छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा।

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नेवर अलोन ऐप करेगा डिप्रेशन का इलाज (Never Alone App Will Cure Depression)

एम्स-दिल्ली के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार ने कहा कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर लॉन्च किया गया "नेवर अलोन" ऐप कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे में एम्स-दिल्ली ने ग्लोबल सेंटर आफ इंटीग्रेटिव हेल्थ के सहयोग से मेडिकल छात्रों के लिए वाट्सएप आधारित ''नेवर अलोन'' ऐप तैयार किया है। संस्थान ने बताया कि ये एप अगले महीने से एम्स दिल्ली, एम्स भुवनेश्वर और मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) शाहदरा के छात्रों के लिए निशुल्क उपलब्ध होगा।

कैसे काम करेगा ये ऐप ? (How This App Will Work)

छात्र इस एआइ आधारित वाट्सएप चैटबाट पर लक्षणों के आधार पर मनोचिकित्सकों से परामर्श ले सकेंगे। सिर्फ पांच से छह मिनट की चैटिंग में छात्र की आधे पेज की समरी रिपोर्ट ऐप में तैयार हो जाएगी। लक्षण दिखने पर ऐप खुद आन काल काउंसिलिंग का सुझाव देगा। छात्रों को इस ऐप की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संस्थानों को एम्स-दिल्ली से संपर्क करना होगा और इस सेवा की सदस्यता लेनी होगी।

ऐप का उद्देश्य क्या है? (Purpose Of App)

AIIMS के अनुसार, भारत में हर साल हजारों लोग आत्महत्या कर लेते हैं, जिनमें से अधिकतर मामलों में समय पर मानसिक सहायता नहीं मिल पाती। यह ऐप उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास है जो चुपचाप दर्द झेल रहे होते हैं, लेकिन मदद नहीं मांग पाते। यह ऐप ऐसे छात्रों की मदद कर, आत्महत्या दर को कम करने का प्रयास है।

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