IIM Udaipur ने अब 12वीं पास छात्रों के लिए एक नया BBA (Bachelor of Business Administration) कोर्स शुरू करने की घोषणा की है। खास बात यह है कि इस कोर्स में एडमिशन 12वीं के अंकों के आधार पर मिलेगा, यानी किसी एंट्रेंस एग्जाम की जरूरत नहीं होगी।
IIM Udaipur BBA Course 2026: आईआईएम उदयपुर 1 जुलाई, 2026 से हिंदी में एक नया ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) शुरू करने वाला है। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत इसे 21वां स्थान दिया गया है। इंदौर, रोहतक और रांची जैसे अन्य आईआईएम के विपरीत, जो बीबीए और एमबीए में इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, जिसे इंटीग्रेटेड कार्यक्रम प्रबंधन (आईपीएम) के रूप में भी जाना जाता है। उदयपुर का पाठ्यक्रम हिंदी भाषा में शुरू किया जाने वाला पहला पाठ्यक्रम है।
सभी 12वीं पास छात्र इस कोर्स के लए पात्र हैं। इस कोर्स की देखरेखकर रहे प्रोफेसर ने बताया कि भारतीय बोर्ड से उत्तीर्ण छात्र, चाहे वे किसी भी स्ट्रीम से हों, हिंदी के तीन वर्षीय कोर्स के लिए पात्र हैं। इसमें कोई प्रवेश परीक्षा नहीं है। प्रवेश के लिए केवल CGPA या 12वीं के अंक ही मायने रखते हैं।
शिक्षण द्विभाषी होगा, जिसमें प्रोफेसर वीडियो व्याख्यानों और लाइव कक्षाओं के दौरान अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं का उपयोग करेंगे। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन बीबीए पाठ्यक्रम की पाठ्य सामग्री भी दो भाषा में होगी।
ये कोर्स छात्रों के लिए इंटर्नशिप या प्लेसमेंट के अवसरों का आश्वासन नहीं देता है। यह प्लेसमेंट मुख्य रूप से आईआईएम के एमबीए छात्रों के लिए है। अगर आप अन्य आईपीएम कोर्स भी देखें, तो वे प्लेसमेंट का कोई वादा नहीं करते। क्योंकि, यह कोर्स ऑनलाइन है और छात्र व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो रहे हैं, इसलिए छात्रों को प्लेसमेंट नहीं दिया जाएगा।
तीन वर्षीय ऑनलाइन बीबीए पाठ्यक्रम में छात्रों के लिए चौथे वर्ष तक पढ़ाई जारी रखने का विकल्प भी है। अगर कोई छात्र चौथे वर्ष तक पढ़ाई जारी रखता है, तो उसे आईआईएम उदयपुर से बीबीए ऑनर्स की डिग्री मिलेगी । उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, छात्रों के प्रवेश की कोई सीमा नहीं है और उम्मीदवारों को बीच में ही कोर्स छोड़ने की सुविधा भी होगी।
पहले वर्ष में छात्रों को 50,000 रुपये का भुगतान करना होगा, जो दूसरे वर्ष में 1 लाख रुपये और तीसरे वर्ष में 1.5 लाख रुपये हो जाएगा, इस प्रकार तीन वर्षीय ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए शुल्क 3 लाख रुपये हो जाएगा।