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Cyclone Ditwah: बंगाल की खाड़ी में उठा ‘दितवा’ तूफान, जानिए क्या है इसका मतलब और कौन रखता है ये नाम?

Cyclone Ditwah Meaning: बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात को 'दितवा' नाम किसने दिया? जानिए यमन से इसका कनेक्शन और कैसे तय होते हैं तूफानों के नाम।

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Nov 29, 2025
बस्तर में ‘दितवाह’ का असर शुरू(photo-patrika)

Cyclone Ditwah: इस वक्त सबकी निगाहें बंगाल की खाड़ी में उठ रहे चक्रवाती तूफान 'दितवा' (Ditwah) पर टिकी हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ रहे इस तूफान के कारण तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। क्या आप जानते हैं कि इन चक्रवातों के नाम कौन तय करता है?

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दितवा का क्या अर्थ है?

दितवा का नाम यमन ने सुझाया है। इस नाम का अर्थ लैगून (lagoon) होता है। वास्तव में यह नाम यमन के फेमस सोकोट्रा आइलैंड पर मौजूद खूबसूरत जगह 'डेटवा लैगून' से लिया गया है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत माहौल के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसी जगह के नाम पर इस चक्रवात को 'दितवा' नाम दिया गया है।

साइक्लोन दितवा क्या है?

दितवा साइक्लोन एक ट्रोपिकल साइक्लोन है जो हाल ही में बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ है। दितवा (Ditwah) नाम यमन देश द्वारा दिया गया है। यह नाम उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए बनाई गई लिस्ट का हिस्सा है। उत्तरी हिंद महासागर (जिसमें अरब सागर और बंगाल की खाड़ी को शामिल किया जाता है) में बनने वाले साइक्लोन के नाम नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) तय करता है। उत्तरी हिंद महासागर में चक्रवातों का नामकरण करने वाले पैनल में शामिल 13 देशों में से इस बार 'दितवा' नाम यमन (Yemen) देश ने दिया है।

कौनसे और कितने देश हैं शामिल?

चक्रवातों के नामकरण की इस प्रक्रिया में कुल 13 सदस्य देश शामिल हैं। ये सभी 13 देश 13-13 नाम सुझाते हैं, जिससे कुल 169 नामों की एक लिस्ट तैयार होती है। इन देशों में बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और यमन शामिल हैं।

नाम का चयन कैसे होता है?

जब भी कोई चक्रवात आता है, तो नामकरण देशों के एल्फाबेटिकल ऑर्डर (Alphabetical Order) के हिसाब से उस देश की तरफ से सुझाए गए नामों की सूची से अगला नाम उठा लिया जाता है। उदाहरण के लिए, पिछली बार अगर यूएई की बारी थी, तो अगली बार बांग्लादेश की होगी। फिर भारत, ईरान और इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए इस बार यमन की बारी आई और तूफान को 'दितवा' नाम मिला। यह सिस्टम 2000 में शुरू किया गया था, इसका मकसद लोगों को सावधान करने और बचाव कार्यों को आसान बनाने के लिए है, ताकि एक साथ कई तूफान आने पर कंफ्यूजन न हो।

नामकरण के नियम क्या हैं?

  • अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के तहत, सुझाए गए नामों के लिए कुछ सख्त नियम बने हुए हैं।
  • नाम छोटे और आसानी से बोले जाने वाले होने चाहिए।
  • नाम ऐसे होने चाहिए जिनसे किसी भी देश की संस्कृति, राजनीति या धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।
  • एक बार इस्तेमाल किया गया नाम दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
  • नाम ज्यादा से ज्यादा 8 अक्षर लंबे हो सकते हैं।
  • चक्रवातों के नामकरण में 13 सदस्य देश शामिल हैं। ये 13 देश 13-13 नाम सुझाते हैं।

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