How To Become Astronaut Like Sunita Williams: सुनीता विलियम्स की तरह एस्ट्रोनॉट बनना है तो इसके लिए धैर्य, जुनून, लगन और मेहनत करने की जरूरत है। स्कूल के समय से ही फिजिक्स और मैथ्स में अच्छे होने चाहिए। आइए, जानते हैं स्पेस में एस्ट्रोनॉट बनने के लिए क्या करना होता है-
How To Become Astronaut Like Sunita Williams: अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स नौ महीने बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती पर वापस लौटी हैं। इस समय सभी की निगाहें सुनीता विलियम्स पर हैं। भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स हजारों लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। बच्चे बच्चे जानना चाहते हैं कि स्पेस में जाने के लिए और सुनीता विलियम्स जैसा बनने के लिए क्या पढ़ाई करनी होती है। आइए, जानते हैं-
यदि किसी को सुनीता विलियम्स की तरह एस्ट्रोनॉट बनना है तो इसके लिए धैर्य, जुनून, लगन और मेहनत करने की जरूरत है। स्कूल के समय से ही फिजिक्स और मैथ्स में अच्छे होने चाहिए। साथ ही फोकस और पढ़ाई में निरंतरता बेहद जरूरी है। इसके साथ ही कुछ स्किल्स भी होने चाहिए।
एस्ट्रोनॉट बनने के लिए 10वीं के बाद ही तैयारी शुरू करनी होगी। 11वीं में पीसीएम (फिजिक्स+केमिस्ट्री+मैथ्स) होना चाहिए। मैथ्स और फिजिक्स पर पकड़ मजबूत बनाना जरूरी है। 12वीं के बाद इंजीनियरिंग (खासकर एयरोस्पेस या कंप्यूटर साइंस) की पढ़ाई करनी होगी। इसके अलावा ऐसे छात्र जो मैथ्स या साइंस में बैचलर्स करते हैं, वे भी इस करियर के पात्र होंगे। सुनीता विलियम्स ने फिजिकल साइंस में बैचलर और फिर इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर किया है।
इसरो या नासा जैसी संस्था के साथ काम करने के लिए कैंडिडेट्स के पास स्पेस की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए। साथ ही कुछ अनुभव भी होने चाहिए। नासा में स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए 3 साल का प्रोफेशनल अनुभव या कम से कम 1000 घंटे का पायलट इन कमांड का समय होना चाहिए। अलग-अलग विमानों का अनुभव होना चाहिए और अंग्रेजी भाषा पर कमांड होनी चाहिए।
-पायलट की ट्रेनिंग और अलग-अलग विमान उड़ाने का अनुभव
-फिजिकली फिट रहना जरूरी है
-प्रॉब्लम सॉल्विंग, टीम वर्क और लीडरशिप जैसे गुण होने चाहिए
-प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे पायथन, सी ++, जावा पर कमांड
सुनीता विलियम्स ने 1983 में नीधम हाई स्कूल और 1987 में यूएस नेवल एकेडमी से फिजिकल साइंस में बीएससी की डिग्री हासिल की। उन्होंने 1995 में फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की। सुनीता मई 1987 में अमेरिकी नौसेना में भर्ती हुईं। 6 महीने के बाद उन्हें बेसिक डाइविंग ऑफिसर बनाया गया। 1989 में वे नेवल एविएटर बनीं। इस दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण मिशनों को सौंपा गया। उन्होंने 30 से ज्यादा अलग-अलग विमानों में 3,000 घंटे से अधिक की उड़ान भरी। वे 2017 में नौसेना से सेवानिवृत्त हुईं।
वर्ष 1998 में सुनीता विलियम्स का चयन अंतरिक्ष एजेंसी नासा में हुआ। शुरुआती में उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। कल्पना चावला के बाद सुनीता भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं जो अमरीका के अंतरिक्ष मिशन पर गईं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुनीता विलियम्स के नाम बतौर महिला सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।