
JEE Advanced Cut off: इंजीनियरिंग करना लाखों युवाओं का सपना है। इंजीनियरिंग के लिए सबसे बेहतर आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) को माना जाता है। आईआईटी में दाखिला पाने के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस्ड में पास होना बेहद जरूरी है। वहीं जेईई में सफलता पाने से पहले आपको जेईई मेन में अच्छा स्कोर करना होगा।
जेईई एडवांस परीक्षा पास करने से पहले जेईई मेन में अच्छा स्कोर करना जरूरी है। बिना जेईई मेन में सफलता पाए आप जेईई एडवांस के लिए सेलेक्ट नहीं होंगे। जेईई एडवांस्ड के लिए पात्र होने के लिए छात्रों को जो सबसे महत्वपूर्ण मानदंड पूरा करना होता है, वह है जेईई मेन में शीर्ष 2,50,000 उम्मीदवारों में रैंकिंग हासिल करना। यह रैंक सामान्य, ओबीसी-एनसीएल, एससी, एसटी, ईडब्ल्यूएस और पीडब्ल्यूडी जैसी सभी श्रेणियों के आधार पर वर्गीकृत की जाती है।
ये रैंक इन श्रेणियों में इस तरह विभाजित की जाती है कि सभी श्रेणी को उचित प्रतिनिधित्व मिले और उम्मीदवारों को जेईई एडवांस में उपस्थित होने के लिए अपनी शैक्षणिक और आयु से संबंधित अन्य पात्रता मानदंडों को भी पूरा करना होगा। जेईई मेन का कटऑफ कई शर्तों पर निर्धारित किया जाता है। यहां देखें-
छात्रों की संख्या- सबसे आम और पहला कारक है, परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या (अधिक संख्या से कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है)।
प्रश्न पत्र की कठोरता- कठिन प्रश्न पत्र हमेशा कम कट-ऑफ निर्धारित करता है।
सीट्स- आईआईटी और अन्य सहभागी संस्थानों में सीटों की संख्या के आधार पर भी कटऑफ निर्धारित किया जाता है।
ऊपर बताए सभी कारक के आधार पर हर साल जेईई के लिए अलग-अलग कटऑफ तय किया जाता है।
जेईई एडवांस्ड 2025 का कटऑफ जेईई मेन के परिणामों पर निर्भर करेगा। पिछले ट्रेंड को देखें अगर तो सामान्य श्रेणी के लिए क्वालीफाइंग पर्सेंटाइल सामान्यतः 88-90, EWS के लिए 65-70, OBC-NCL के लिए 68-72, SC के लिए 45-50 और ST के लिए 30-35 है। उस स्थिति में, सामान्य श्रेणी के लिए क्वालीफाइंग पर्सेंटाइल 300 में से लगभग 100-120 अंक होंगे, जबकि आरक्षित श्रेणियों में कम अंक क्वालीफाइंग होंगे।
Published on:
17 Mar 2025 05:38 pm
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