MBBS From America: भारत में डॉक्टर बनने के लिए काफी लंबा वक्त लगता है। वहीं कम सीट्स के कारण बहुत से छात्रों को अच्छा कॉलेज नहीं मिल पाता। ऐसे स्टूडेंट्स अमेरिका से पढ़ाई कर सकते हैं। आइए, देखें-
MBBS From America: 12वीं के बाद बहुत से छात्रों का सपना होता है कि वे डॉक्टर बनें। लेकिन ये इतना आसान नहीं होता। भारत में डॉक्टर बनने की राह बहुत मुश्किल है। सबसे पहले नीट यूजी परीक्षा पास करनी होती है, जोकि दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसके बाद करीब 5 सालों की लंबी पढ़ाई करनी होती है। हालांकि, अमेरिका में ऐसा नहीं होता है। अगर आप भी विदेश जाकर MBBS करना चाहते हैं तो अमेरिका आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
12वीं की पढ़ाई के बाद हर साल लाखों की संख्या में छात्र NEET UG परीक्षा में बैठते हैं। पिछले साल यानी कि 2024 में करीब 22 लाख छात्रों ने नीट यूजी की परीक्षा दी थी। इनमें से करीब 1 लाख छात्रों को ही टॉप एमबीबीएस कॉलेज (Top MBBS College) मिल पाते हैं। ऐसे में लाखों छात्रों को विदेश जाकर पढ़ाई करना पड़ता है।
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अमेरिका में डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल छात्रों को 4 साल का ग्रेजुएशन कोर्स करना पड़ता है। इसके बाद ‘मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट’ यानी MCAT स्कोर के आधार पर उन्हें अमेरिका के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलता है। एक दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका के मेडिकल कॉलेज में MBBS की डिग्री नहीं मिलती है। वहां एमबीबीएस के समकक्ष ‘डॉक्टर ऑफ मेडिसिन’ (MD) की डिग्री दी जाती है। पढ़ाई से डिग्री और डिग्री से डॉक्टर बनने के लिए अमेरिका में 7-8 साल का वक्त लग जाता है।
मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलने के बाद छात्रों को चार साल तक पढ़ाई करनी होती है। चार सालों की पढ़ाई के बाद डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD) की डिग्री मिलती है। चार सालों में पहले दो साल अलग अलग विषयों की थ्योरी पढ़ाई जाती है। वहीं आखिरी के दो सालों में छात्रों का ज्यादातर वक्त लैब, अस्पतालों में ट्रेनिंग आदि में गुजरता है। छात्रों को सीनियर डॉक्टर्स की देखरेख में प्रैक्टिस कराया जाता है, जिससे वे एक्सपर्ट बन सकें।
डिग्री पूरी करने के बाद कैंडिडेट्स को रेजीडेंसी प्रोग्राम पूरा करना होता है। चुने गए फील्ड के आधार पर रेजीडेंसी प्रोग्राम 3-7 साल के बीच का होता है। इस दौरान सभी कैंडिडेट्स को प्रैक्टिकल काम सीखाए जाते हैं जैसे कि मरीज को चेक करना, उनकी मेडिकल हिस्ट्री समझना। अमेरिका में डॉक्टर की प्रैक्टिस शुरू करने के लिए लाइसेंस लेना होता है, जिसके लिए USMLE-3 नाम की एक परीक्षा देनी होती है।
अमेरिका में एक डॉक्टर की सैलरी बहुत सी बातों पर निर्भर करता है जैसे कि लोकेशन, स्पेशलाइजेशन, एक्सपीरियंस आदि। प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी या ऑर्थोपेडिक सर्जरी में सबसे ज्यादा सैलरी होती है। अमेरिका में एक डॉक्टर का वार्षिक औसत वेतन लगभग 1.4 करोड़ रुपये है।