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Srinivasa Ramanujan: 12th फेल जीनियस जिनकी उंगलियों पर नाचते थे मैथ्स के फॉर्मूले, कैसै तय किया सरकारी स्कूल से कैम्ब्रिज तक का सफर

National Mathematics Day 2025: मैथ्स की फील्ड में रामानुजन के बड़े योगदान को देखते हुए 22 दिसंबर को नेशनल मैथेमेटिक्स डे के तौर पर मनाया जाता है। इसका मकसद युवाओं में गणित के प्रति रुचि बढ़ाना और यह संदेश देना है कि आपका हुनर किसी डिग्री या सुविधा का मोहताज नहीं होता। अगर इरादे मजबूत हों तो बड़ी से बड़ी चुनौती से लड़ा जा सकता है।

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Dec 22, 2025
Srinivasa Ramanujan (File photo)

National Mathematics Day: भारत में हर साल 22 दिसंबर को नेशनल मैथेमेटिक्स डे के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन महान मैथमैटिशियन श्रीनिवास रामानुजन के कीमती योगदान और स्मृति को समर्पित है। रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को तमिलनाडु के ईरोड में एक तमिल ब्राह्मण (अयंगर) परिवार में हुआ था। उन्होंने मैथ्स की दुनिया में ऐसे कीर्तिमान गढ़े हैं, जिन्हें आज भी दुनिया हैरत से देखती है।

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Srinivasa Ramanujan: देवी सपनों में आकर बताती मैथ्स के फॉर्मूले

रामानुजन के बारे में सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि, उन्होंने गणित की कोई खास शिक्षा नहीं ली थी। फिर भी कठिन से कठिन और पेचीदा इक्वेशन्स को चुटकियों में हल कर देते थे। रामानुजन अक्सर कहते थे कि उनकी कुलदेवी नामगिरी (नरसिंहपुरम की लक्ष्मी देवी) उनके सपनों में आकर उन्हें गणित के फॉर्मूले बताती हैं। वे कहते थे कि उनके लिए गणित के उस फॉर्मूले का कोई मतलब ही नहीं है, जिससे आध्यात्मिक विचार ना मिलते हों।

Ramanujan Education And Biography: सरकारी स्कूल से कैम्ब्रिज तक का सफर

मैथ के अलावा दूसरे सब्जेक्ट में दिलचस्पी न होने के कारण, वे 12वीं क्लास की एग्जाम में दो बार फेल हो गए थे। रामानुजन ने एक सरकारी स्कूल में पढ़कर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। रामानुजन के हुनर और कौशल को पहचानते हुए उन्हें इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी बुलाया गया। वहां प्रोफेसर जीएच हार्डी के साथ मिलकर उन्होंने गणित के कई नए सिद्धांतों पर काम किया। उस दौर में भारतीयों के लिए विदेश जाकर काम करना बहुत मुश्किल होता था, लेकिन रामानुजन ने अपनी प्रतिभा से ब्रिटिश स्कॉलर्स को भी अपनी दक्षता का कायल बना लिया।

Ramanujan1729 Magic Number: 1729 'हार्डी नंबर' की कहानी

गणित की दुनिया में 1729 को 'हार्डी रामानुजन नंबर' के नाम से जाना जाता है। एक बार प्रोफेसर हार्डी रामानुजन से मिलने अस्पताल पहुंचे और बताया कि, वे जिस टैक्सी से आए हैं उसका नंबर 1729 था, जो काफी सिंपल और बोरिंग है। रामानुजन ने तुरंत जवाब दिया कि यह एक बहुत ही रोचक संख्या है। यह असल में दो नंबरों 10 और 9 के क्यूब का जोड़ होता है, यह वो सबसे छोटी संख्या है जिसे दो अलग-अलग तरीके से दो संख्याओं के क्यूब के योग के रूप में लिखा जा सकता है।

Ramanujan Birth Anniversary: छोटी उम्र में बड़ा योगदान

26 अप्रैल, 1920 को महज 32 साल की बहुत कम उम्र में रामानुजन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन इस छोटे से जीवनकाल में भी उन्होंने गणित को लगभग 3900 समीकरण और प्रमेय दिए। उनके फॉर्मुलों का इस्तेमाल आज आधुनिक विज्ञान, ब्लैक होल थ्योरी और कंप्यूटर साइंस में भी किया जा रहा है। सिर्फ 33 साल के जीवनकाल में, उन्होंने 4,000 से ज्यादा मैथमेटिकल थ्योरम पर रिसर्च की, जिन्हें समझने में दुनियाभर के मैथमेटिशियन को सालों लग गए।

रामानुजन की कहानी इतनी इंस्पायरिंग है कि हॉलीवुड भी इनके जीवन पर ‘द मैन हू न्यू इन्फिनिटी’ नाम की फिल्म बना चुका है। भारत सरकार ने गणित में उनके अमुल्य योगदान और उनके सम्मान में साल 2012 से उनके जन्मदिन को 'राष्ट्रीय गणित दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की।

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Updated on:
22 Dec 2025 12:41 pm
Published on:
22 Dec 2025 12:40 pm
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