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Ram Vanji Sutar Passes Away: नहीं रहे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के शिल्पकार राम वनजी सुतार, जानिए उनकी शिक्षा और विरासत की कहानी

Ram Vanji Sutar: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने 100 साल की उम्र में कहा दुनिया को अलविदा। जानिए कैसा रहा उनका शैक्षिक सफर जिन्होंने अपनी कला से इतिहास को जीवंत कर दिया।

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Dec 20, 2025
Ram Vanji Sutar

Ram Vanji Sutar: जिनके हाथों से गढ़ी हुई प्रतिमाओं में इतिहास बोलता हुआ नजर आता है। जिनकी कला ने भारत की पहचान को दुनिया के सामने और ऊंचा किया। ऐसे महान मूर्तिकार राम वनजी सुतार अब हमारे बीच नहीं रहे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसे ऐतिहासिक स्मारक को आकार देने वाले राम सुतार के निधन से भारतीय कला, संस्कृति और कला शिक्षा जगत में एक युग का अंत हो गया है।

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Ram Sutar Biography: गांव से इंटरनेशनल लेवल तक का सफर

राम वनजी सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदूर गांव में हुआ था। बेहद साधारण परिवार से आने वाले राम सुतार को बचपन से ही मिट्टी और आकृतियों से लगाव था। यही रुचि आगे चलकर उनकी पहचान बन गई। कला के प्रति उनका जुनून, प्रेम और समर्पण ही था जो उन्हें मुंबई के प्रतिष्ठित सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट तक ले गया, जहां से उन्होंने मूर्तिकला में महारत हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अपने हुनर का लोहा मनवाया और स्वर्ण पदक हासिल किया। आगे चलकर यही शिक्षा उनकी कला यात्रा का आधार बनी।

Ram Sutar Education: शिक्षा और उपलब्धियां

राम सुतार का जीवन छात्रों के लिए एक मिसाल है कि प्रतिभा के साथ शिक्षा और अनुशासन भी बहुत जरूरी है। उन्होंने न सिर्फ कला सीखी, बल्कि भारतीय इतिहास, महापुरुषों के व्यक्तित्व और भावनाओं को गहराई से समझकर अपनी मूर्तियों में उतारा। यही कारण है कि उनकी बनाई प्रतिमाएं सिर्फ देखने की चीज नहीं, बल्कि सीखने का माध्यम भी बन गईं। राम वनजी सुतार को पद्म श्री, पद्म-भूषण और कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कला सम्मानों से नवाजा गया।

Statue of Unity: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनी पहचान

राम वनजी सुतार को दुनिया भर में पहचान दिलाने वाला काम रहा सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है, जिसने भारत को वैश्विक पहचान दिलाई। यह सिर्फ इंजीनियरिंग नहीं, बल्कि भारत की एकता, कला, इतिहास और शिक्षा का अद्भुत संगम है। इसके अलावा उन्होंने कई ऐतिहासिक मूर्तियां भी बनाई, जिनमें नई दिल्ली संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा, छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति इसके साथ ही देश और विदेश में स्थापित गांधी प्रतिमाएं शामिल हैं। इन सभी कृतियों में इतिहास को समझने और महसूस करने की काबिलियत झलकती है।

Statue of Unity Designer: युवाओं के लिए सीख

राम सुतार के जीवन से युवाओं को सीख मिलती है कि गांव से निकलकर भी वैश्विक पहचान बनाई जा सकती है। कला सिर्फ शौक नहीं, एक अध्ययन का विषय है। लगन, शिक्षा और अभ्यास से असंभव को भी संभव किया जा सकता है। आज जब करियर विकल्प तेजी से बदल रहे हैं, राम सुतार जैसे कलाकार यह साबित करते हैं कि फाइन आर्ट्स और क्रिएटिव एजुकेशन भी सम्मान, पहचान और राष्ट्र सेवा का माध्यम बन सकती है। उनका जाना एक कलाकार का जाना नहीं, बल्कि भारतीय कला शिक्षा के एक मजबूत स्तंभ के गिरने की तरह है। वे उन कलाकारों में शुमार थे जिन्होंने भारत की आत्मा को पत्थर और धातु में ढाल दिया। राम वनजी सुतार भले ही हमारे बीच नही रहे, लेकिन उनकी कला विरासत हमेशा अमर रहेगी।

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Published on:
20 Dec 2025 11:27 pm
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