Microsoft AI Investment India: माइक्रोसॉफ्ट ने 1.5 लाख करोड़ के निवेश का ऐलान किया है। e-Shram पोर्टल होगा हाई-टेक, 2 करोड़ लोगों को मिलेगी AI ट्रेनिंग, पढ़ें पूरी खबर।
Microsoft AI Investment India: अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अपने अब तक के सबसे बड़े निवेश की घोषणा की है। कंपनी ने मंगलवार को बताया कि वह भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए 17.5 बिलियन डॉलर (करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करेगी।
इस निवेश योजना के तहत कंपनी ने भारत सरकार के रोजगार पोर्टल्स में तकनीकी सहयोग देने की बात कही है। अगर यह योजना लागू होती है, तो इसका सीधा असर नौकरी तलाशने वाले युवाओं और आम यूजर्स पर देखने को मिल सकता है।
जानिए माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद कंपनी ने क्या-क्या योजनाएं साझा की हैं और युवाओं के लिए इसके क्या मायने हो सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने जानकारी दी है कि वह केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके तहत e-Shram पोर्टल और National Career Service (NCS) प्लेटफॉर्म में एडवांस्ड AI फीचर्स इंटीग्रेट किए जाएंगे।
कंपनी के मुताबिक, Azure OpenAI सर्विस की मदद से इन पोर्टल्स पर ऑटोमेटेड रिज्यूमे जैसी सुविधा देने की तैयारी है। यानी यूजर का बायोडाटा सिस्टम खुद जनरेट कर सकेगा।
इसके अलावा, AI-असिस्टेड जॉब मैचिंग और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स का उपयोग करने की बात कही गई है, ताकि आवेदकों को उनकी स्किल के हिसाब से नौकरियां सुझाई जा सकें। साथ ही, मल्टीलिंगुअल ट्रांसलेशन (अनुवाद) फीचर से क्षेत्रीय भाषाओं में भी पोर्टल का इस्तेमाल आसान हो सकता है।
इस निवेश का एक हिस्सा स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) के लिए रखा गया है। कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि उसका लक्ष्य 2030 तक भारत के 2 करोड़ लोगों को AI स्किल्स की ट्रेनिंग देना है। इस पहल के तहत टियर-2 और टियर-3 शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग सपोर्ट देने की योजना है ताकि वर्कफोर्स को डिजिटल बदलावों के लिए तैयार किया जा सके।
भारत के नए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन रूल्स (DPDP) के संदर्भ में माइक्रोसॉफ्ट ने Sovereign Cloud (संप्रभु क्लाउड) की शुरुआत की है। इसका मतलब यह है कि इसके जरिए सरकारी और रेग्युलेटेड इंडस्ट्रीज का डेटा देश की सीमाओं के भीतर ही स्टोर किया जा सकेगा। इससे संवेदनशील डेटा के विदेश जाने की चिंता कम होगी और डेटा प्राइवेसी नियमों का पालन सुनिश्चित हो सकेगा।
कंपनी ने बताया कि यह निवेश अगले 4 वर्षों में किया जाएगा। हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु में मौजूदा डेटा सेंटर्स की क्षमता बढ़ाई जाएगी। हैदराबाद में बन रहा नया डेटा सेंटर हब 2026 के मध्य तक शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी के मुताबिक, यह आकार में काफी बड़ा होगा।
हालांकि, इस निवेश को लेकर कुछ भारतीय स्टार्टअप्स ने चिंता भी जाहिर की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'AiEnsured' की को-फाउंडर नीलिमा वोबुगरी का कहना है कि विदेशी एआई मॉडल्स (LLMs) में स्थानीय भाषाई और सांस्कृतिक बारीकियों की कमी हो सकती है, इसलिए भारत को अपने 'सॉवरेन एआई मॉडल्स' पर भी जोर देना चाहिए।