शिक्षा

भारत में छात्र आत्महत्याओं के मामले में 65% की वृद्धि, NCRB के आंकड़े बताते हैं गंभीर स्थिति

Student Suicides in India: NCRB के आंकड़ों के अनुसार भारत में छात्र आत्महत्याओं के मामले में पिछले एक दशक में 65% की बढ़ोतरी हुई है, बढ़ते शैक्षिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं को दिखाता है।

2 min read
Oct 02, 2025
Student Suicides in India (Image: Gemini)

Student Suicides in India: भारत में छात्र आत्महत्याओं की संख्या पिछले दशक में तेजी से बढ़ी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2013 में 8,423 छात्र आत्महत्या के शिकार हुए थे जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 13,892 हो गई है। यह वृद्धि कुल आत्महत्याओं की बढ़ोतरी से भी कहीं तेज है और इसने समाज और शिक्षा प्रणाली में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ये भी पढ़ें

MP Police कांस्टेबल भर्ती 2025 के लिए आवेदन की तारीख बढ़ी, अब इस डेट तक कर सकते हैं अप्लाई

कुल आत्महत्याओं की तुलना

पिछले दस साल में कुल आत्महत्याओं में 27% की वृद्धि हुई है। 2013 में कुल आत्महत्या की संख्या 1.35 लाख थी, जो 2023 में बढ़कर 1.71 लाख हो गई। वहीं, 2019 की तुलना में कुल आत्महत्याओं में 23% की वृद्धि दर्ज की गई। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि छात्र आत्महत्याओं का बढ़ता ग्राफ समाज के लिए चिंता का विषय है।

छात्र आत्महत्याओं का बढ़ता हिस्सा

छात्र आत्महत्याओं का कुल आत्महत्याओं में हिस्सा पिछले दशक में 6.2% से बढ़कर 8.1% हो गया है। यह बढ़ती संख्या दर्शाती है कि शैक्षिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का असर छात्रों पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है।

पेशों के हिसाब से आत्महत्याओं की स्थिति

NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में कुल आत्महत्याओं में दैनिक मजदूरों की संख्या सबसे अधिक थी जो कुल आत्महत्याओं का 27.5% थी। गृहिणियों की संख्या 14% थी और स्वरोजगार करने वाले व्यक्तियों की संख्या 11.8% रही। यह आंकड़ा दर्शाता है कि विभिन्न पेशों और जीवन परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य और तनाव एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है।

विशेषज्ञों की राय और सुझाव

विशेषज्ञ मानते हैं कि छात्र आत्महत्याओं में इतनी तेजी से वृद्धि होना एक गंभीर चिंता का विषय है। इसके पीछे शैक्षिक दबाव, मानसिक स्वास्थ्य की कमी, परिवारिक तनाव और करियर से जुड़ी समस्याएं प्रमुख कारण मानी जा रही हैं।

विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि छात्रों के लिए काउंसलिंग और हेल्पलाइन की सुविधा बढ़ाई जाए, मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए और परिवार तथा स्कूल/कॉलेज का सहयोग मजबूत किया जाए।

ये भी पढ़ें

JEE Main 2026 के लिए NTA की अहम सलाह, अक्टूबर 2025 से पहले निपटा लें ये जरूरी काम, देखें एडवाइजरी

Also Read
View All

अगली खबर