Tanushka Singh Fighter Pilot Success Story: तनुष्का सिंह इतिहास रचते हुए जगुआर फाइटर जेट स्क्वाड्रन में स्थायी तैनाती पाने वाली पहली महिला पायलट बन गई है। ये तनुष्का सिंह की व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि भारतीय वायु सेना में भी एक नया अध्याय जुड़ गया है।
Tanushka Singh Fighter Pilot Success Story: भारतीय वायु सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। हाल ही में भारतीय वायु सेना में तनुष्का सिंह को महत्वपूर्ण पद मिला। तनुष्का सिंह इतिहास रचते हुए जगुआर फाइटर जेट स्क्वाड्रन में स्थायी तैनाती पाने वाली पहली महिला पायलट (Fighter Pilot) बन गई है। ये तनुष्का सिंह की व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि भारतीय वायु सेना में भी एक नया अध्याय जुड़ गया है। वहीं उनकी इस उपलब्धि से लाखों करोड़ों महिलाएं प्रेरित होंगी।
तनुष्का मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं, लेकिन उनका बचपन मंगलुरु में बीता। यहीं से उनकी पढ़ाई-लिखाई भी हुई। वे अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं जो सेना में गई हैं। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल अजय प्रताप सिंह भारतीय सेना में अधिकारी रह चुके हैं और दादा कैप्टन देवेंद्र बहादुर सिंह भी सेना में सेवा दे चुके हैं।
तनुष्का ने डीपीएस एमआरपीएल स्कूल, सुरतकल से स्कूली शिक्षा हासिल की है। स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने मंगलुरु के शारदा पीयू कॉलेज में दाखिला लिया। वहीं 2022 में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की।
तनुष्का हमेशा से देश के लिए कुछ करना चाहती थीं। देश प्रेम की भावना तो उन्हें अपने परिवार से ही मिली थी। उन्होंने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एयरफोर्स अकादमी में कठोर प्रशिक्षण लिया और हॉक एमके 132 विमान पर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। तनुष्का ने जगुआर जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए ट्रेनिंग ली और फाइटर पायलटबन गईं।
यह एक विशेष प्रकार का जेट है, जोकि टेक्निकल स्ट्राइक विमान के रूप में जाना जाता है। ये सटीक हमले और गहरी पैठ वाले मिशन के लिए जाना जाता है। इस विमान के जरिए दुश्मनों के गुप्त ठिकानों का पता लगाने और हमला करने में मदद मिलती है। इसकी गिनती भारतीय वायुसेना के सबसे महत्वपूर्ण फाइटर जेट्स में होती है।