UP Police Bharti 2026: यूपी पुलिस कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्ती परीक्षा में अब नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। योगी सरकार ने नियमों में संशोधन को दी मंजूरी। जानें अभ्यर्थियों को कैसे मिलेगा इस फैसले का फायदा।
UP Police Constable Vacancy 2026: उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल और जेल वार्डर बनने का सपना देख रहे लाखों युवाओं के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश सरकार ने भर्ती परीक्षाओं को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब यूपी पुलिस कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्ती परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन के जरिए इस फैसले पर मुहर लगा दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली 2025 और जेल वार्डर संवर्ग सेवा नियमावली 2025 में संशोधन को मंजूरी मिल गई है। इन नए बदलावों के तहत आने वाली परीक्षाओं में गलत उत्तर देने पर उम्मीदवारों के अंक नहीं काटे जाएंगे। पहले गलत जवाब देने पर नेगेटिव मार्किंग की जाती थी जिसे अब हटा दिया गया है।
भर्ती नियमों में हुआ यह बदलाव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। अक्सर नेगेटिव मार्किंग के डर से कैंडिडेट्स उन सवालों को छोड़ देते थे जिनमें उन्हें डाउट होता था। अब इस डर के खत्म होने से उम्मीदवार एग्जाम में सभी सवाल अटेम्प्ट कर सकेंगे। इससे ग्रामीण इलाकों और कम तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा, इसके साथ ही मेरिट लिस्ट में बेहतर परफॉर्मेंस की संभावनाएं भी बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) जल्द ही इस नई नियमावली से संबंधित ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। यह नियम आने वाली सभी नई कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्तियों पर लागू होगा। जो युवा काफी समय से इन पदों के लिए तैयारी कर रहे हैं वे अब बिना किसी डर के परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
सरकार के इस कदम से युवाओं में उत्साह का माहौल है। अब कैंडिडेट्स परीक्षा के दौरान बेहतर टाइम मैनेजमेंट कर पाएंगे और ज्यादा से ज्यादा सवाल हल कर सकेंगे। आने वाली कांस्टेबल और जेल वार्डर भर्तियों में ये नया नियम लागू हो जाएगा। जो कैंडिडेट्स अभी इन एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं वे अब बिना नेगेटिव मार्किंग के डर से पेपर सॉल्व करने की प्रैक्टिस कर सकते हैं। इस फैसले को लाने का मकसद सिलेक्शन प्रोसेस को अधिक पारदर्शी और सरल बनाना है ताकि, योग्य युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में किसी मानसिक दबाव का सामना न करना पड़े।