YouTube CEO Neal Mohan: यूट्यूब के भारतीय मूल के सीईओ नील मोहन को TIME मैगजीन ने साल 2025 का ‘सीईओ ऑफ द ईयर’ चुना है। TIME ने कहा कि आज दुनिया जो भी कंटेंट देख रही है, उसे दिशा देने में मोहन की सबसे बड़ी भूमिका है।
TIME CEO of the Year 2025: TIME मैगजीन ने हाल ही में यूट्यूब के CEO नील मोहन को 2025 का ‘सीईओ ऑफ द ईयर’ चुना। यह सम्मान दिखाता है कि वैश्विक संस्कृति और मीडिया पर यूट्यूब की छाप कितनी गहरी है। 51 वर्षीय मोहन अब अल्फाबेट के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला और एडोब के शांतनु नारायण जैसे जाने-माने भारतीय मूल के अमेरिकी सीईओ की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।
नील मोहन का जन्म अमेरिका के इंडियाना राज्य में हुआ था और उनका बचपन मिशिगन में बीता। उनके पिता, आदित्य मोहन, 1960 के दशक में सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी करने अमेरिका आए थे। 1985 में उनका परिवार लखनऊ आ गया, तब नील मोहन ने हिंदी पढ़ने-लिखने के साथ ही संस्कृत का भी अध्ययन किया। उन्होंने संस्कृत को 'कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखने जैसा' बताया। अमेरिकी परवरिश के बाद भारत में रहना उनके लिए एक बड़ा बदलाव था।
मोहन अपनी उच्च शिक्षा के लिए फिर अमेरिका चले गए। जहां से उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की।
इसके बाद, उन्होंने 2005 में स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया, जहां उन्हें एक्सीलेंट एकेडमिक परफॉर्मेंस के लिए 'आरजे मिलर स्कॉलर' सम्मान मिला था। वह अपने बैच के टॉप दस फीसदी छात्रों में शामिल थे।
नील मोहन ने 1996 में एक्सेंचर में सीनियर एनालिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया। इसके बाद डबलक्लिक में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। 2008 में वह गूगल से जुड़े और डिजिटल विज्ञापन की कमान संभाली, जंहा पर वो डिस्प्ले और वीडियो विज्ञापन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर रहे। 2015 में यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बने और 2023 में कंपनी के सीईओ बने।
TIME मैगजीन ने नील मोहन को 2025 का ‘सीईओ ऑफ द ईयर’ चुना।
TIME के मुताबिक यूट्यूब दुनिया की सांस्कृतिक पसंद को तय करने वाला सबसे बड़ा मंच बन चुका है।
TIME ने लिखा कि मोहन उस किसान की तरह हैं जो यूट्यूब की दिशा तय करते हैं, और सारी दुनिया वो कंटेंट देखती है।
मैगजीन का मानना है कि मोहन शांत और सरल विचारों के व्यक्ति हैं, जो बड़े फैसलों को भी समझदारी और जिम्मेदारी के साथ लेते हैं।
वह दुनिया के मीडिया इंडस्ट्री में तेजी से हो रहे बदलावों को समझते हैं और उसी दिशा में यूट्यूब को आगे बढ़ा रहे हैं।
मोहन का मानना है कि यूट्यूब मीडिया दुनिया को पूरी तरह बदल रहा है। साथ ही यूट्यूब की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हर किसी को प्लेटफॉर्म पर अपनी आवाज रखने का मौका मिले। वे मानते हैं कि बदलते समय में अगर कोई खुद को ढाल नहीं पाएगा, तो वह पीछे रह जाएगा। नील मोहन को यह सम्मान इसलिए दिया गया है क्योंकि उन्होंने, यूट्यूब को नया रूप और दुनिया के डिजिटल भविष्य को मजबूत दिशा दी है।