फतेहपुर जिले के अबू नगर में एक पुराने मकबरे को लेकर सोमवार को विवाद खड़ा हो गया। बजरंग दल और कई अन्य हिंदू संगठनों के सदस्य यहां इकट्ठा होकर इसे मंदिर बताते हुए पूजा-पाठ की मांग करने लगे, जिसकी वजह से इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
सोमवार को फतेहपुर जिले के रेडईया मोहल्ले में एक सैकड़ों वर्ष पुराने मकबरे को लेकर दो समुदायों में तनाव उत्पन्न हो गया। इस मकबरे को हिंदू संगठन ठाकुर जी का स्थान होने को लेकर पूजा करने की चेतावनी दी हैं।सोमवार को बीजेपी जिला अध्यक्ष, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने इस मकबरे को मंदिर बताकर वहां पूजा-पाठ करने की धमकी दी।
मकबरे को लेकर तनाव बढ़ता देख जिला प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा कड़ी कर दी। बैरिकेडिंग के जरिए मकबरे तक किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद भी उग्र हिंदू संगठनों ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए वहां पूजा करने की कोशिश की। राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशादी ने इसे राष्ट्रीय संपत्ति करार दिया है और इस मुद्दे को हल करने की मांग की है।
मकबरे के आसपास सुरक्षा के लिए भारी फोर्स तैनात है। पुलिस प्रशासन ने दोनों समुदायों से संयम बरतने की अपील की है। एक तय कार्यक्रम के मुताबिक बीजेपी के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल अपने समर्थकों के साथ कर्पूरी ठाकुर चौराहा पहुंचे, जहां भारी पुलिस बल तैनात है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर 3 किमी पहले से बैरिकेडिंग लगाकर इलाके की घेराबंदी कर दी थी, ताकि किसी भी विवादित स्थिति से बचा जा सके।
भाजपा जिला अध्यक्ष ने 10 अगस्त को इस मकबरे को ठाकुर जी का मंदिर बताते हुए 11 अगस्त को सफाई कर पूजा करने की घोषणा की थी। इसके बाद हिंदू संगठन के सैकड़ों समर्थक कर्पूरी ठाकुर चौराहे और नंदी चौराहे पर एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए प्रशासन से बैरिकेटिंग हटाने की मांग किया। इसके बाद शंख बजाकर ठाकुर जी मंदिर में पूजा करने का आवाहन किया। इलाके में पुलिस की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है।