गोरखपुर पुलिस को बीती रात बड़ी सफलता मिली, गुलहरिया थानाक्षेत्र में थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर छापेमारी कर एक फर्जी IAS गिरफ्तार कर लिया है। काफी दिनों से फर्जी IAS द्वारा कई लोगों के साथ करोड़ों की जालसाजी का मामला आ रहा था।
गोरखपुर पुलिस को उस समय बड़ी सफलता मिली जब करोड़ों की जालसाजी कर पुलिस के साथ आंख मिचौली करने वाला एक फर्जी IAS गिरफ्तार कर लिया गया। इसका नेटवर्क पूर्वांचल के साथ ही बिहार, झारखंड तक फैला था। इसका मुख्य काम सरकारी ठेके, नौकरी की आड़ में ठगी था। मामला तब खुला जब पुलिस के पास ठगी के शिकार एक ठेकेदार पहुंचा और आपबीती बताया।
मामला तब खुला जब सरकारी टेंडर का एक AI से बनाया हुआ फर्जी पेपर मिला, जिसे एक ठेकेदार के नाम पर जारी किया हुआ था। यह ठेका 60 लाख रुपए का था। ठेकेदार ने बताया कि उसको ये ठेका IAS अधिकारी ललित की मदद से मिला था, पुलिस की जांच में फिलहाल इस नाम का कोई अधिकारी रिकॉर्ड में नहीं मिला। पुलिस फिर जांच पड़ताल शुरू की। इसी बीच बिहार चुनाव के समय GRP को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर दौरान 7 नवंबर की सुबह करीब प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर वैशाली एक्सप्रेस की चेकिंग के दौरान एक युवक के बैग की तलाशी में 500-500 के नोटों की गड्डियां मिलीं। यह रकम पूरी 99.9 लाख रुपए थी।
पुलिस की सख्ती पर पकड़े गए युवक ने बताया कि उसका नाम मुकुंद माधव निवासी रामचरण टोला, मोकामा (पटना) है, उसने कहा कि वह किसी परिचित के कहने पर यह बैग लेकर यात्रा कर रहा था, लेकिन पैसे के बारे में कोईं जानकारी नहीं है। इस जांच में जब खुलासा हुआ तब फर्जी IAS ललित किशोर का नाम सामने आया। ललित ही पैसे बिहार भिजवा रहा था। इसके बाद से ही ललित की तलाश चल रही थी।
गोरखपुर पुलिस जब पीछे लगी तब फर्जी IAS ललित किशोर पकड़े जाने से पहले ही फरार हो गया। लखनऊ के आशियाना में उसने अपना नया ठिकाना बनाया। कुछ दिनों बाद ही वह वहां से भी फरार हो गया। एसपी सिटी अभिनव त्यागी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे, इधर सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि मंगलवार रात फर्जी IAS अधिकारी ललित किशोर अपने एक साथी से मिलने गोरखपुर आया। इनके निर्देश पर इंस्पेक्टर गुलहरिया विजय प्रताप सिंह अपने मातहतों के साथ घेराबंदी करके उसे दबोच लिया, इस दौरान दो अन्य जालसाज भी गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ बिहार, यूपी और मध्य प्रदेश में जालसाजी के कई मामले दर्ज हुए हैं।
पूछताछ में पुलिस को ललित ने बताया कि वह 8 गनर रखे हुए था। प्राइवेट गनर के साथ वह अक्सर फील्ड में दौरा करने जाता था, वहां थाने में फोन करवाकर प्रोटोकॉल भी लगवा लेता था। इस दौरान वह सफेद इनोवा से होता था। दौरे और निरीक्षण की फोटो साथियों से फेसबुक पर अपलोड कराकर अपना भोकाल और मार्केटिंग भी करता था।