गुना

बड़ा खुलासा: जंगल, नदी…सब पर कब्जा! सूची में सत्ताधारी नेता और बड़े अफसरों के नाम शामिल

MP News: एमपी में यहां सरकारी जमीनों पर कब्जे का खेल बेलगाम हो गया है। सत्ताधारी नेता-अफसर मिलकर जंगल, नदी-नाले और आम रास्ते तक हड़प रहे हैं। रसूख के आगे प्रशासन और नगर पालिका दोनों बेबस।

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Dec 06, 2025
government land encroachment syndicate exposed in guna (फोटो- गुना विकीपीडिया)

Government land encroachment:गुना शहर में सरकारी जमीन, नदी-नालों और आम रास्तों पर कब्जा करने करने की मानी होड़ मच गई है। हैरान सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ नेता सबसे आगे हैं। कुछ सरकारी कर्मी और अफसर भी इस दौड़ में शामिल होकर सरकारी व नाले की जमीनों पर हाथ साफ कर रहे हैं। अन्य दलों के नेता भी अतिक्रमण में पीछे नहीं है। अतिक्रमणकारियों के रसूख के चलते न तो प्रशासनिक अधिकारी और न ही नगर पालिका अतिक्रमण हटाने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं। (mp news)

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6 पॉइंट में समझिए, गुना में अतिक्रमण का दंश

1. रेलवे स्टेशन रोड

शहर में रेलवे स्टेशन रोड के विस्तारीकरण का काम अटका है। रोड पर भाजपा जिला महामंत्री रविन्द्र रघुवंशी का होटल और कुछ दुकानें बाधा बनी हुई हैं, जिन्हें दूसरी तरफ विस्थापित किया जाना है। नगर पालिका न तो कार्रवाई कर रही है और न ही विस्तारीकरण आगे बढ़ पा रहा है। मामले में सीएमओ ने कहा कि अतिक्रमण के कारण विकास नहीं रुकेगा। भाजपा नेता रविन्द्र रघुवंशी ने कहा कि रेलवे स्टेशन रोड पर विस्तारीकरण में बाधक अकेले मेरे भाई की दुकान नहीं, 26 और दुकानें हैं। हम नगर पालिका को किराया दे रहे हैं। विस्तारीकरण करना है तो यहां के एक तरफ के मार्ग की सभी दुकानें एक ही लाइन में कर दी जाए ती दूसरी तरफ सड़क अपने आप ही चौड़ी हो जाएगी।

2. गुनिया नदी

गुनिया नदी की जमीन पर अतिक्रमण का मामला लगातार विवादों में है। आरोप है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के जनसंपर्क कार्यालय में पदस्थ प्रभारी और नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता ने नदी के आसपास की भूमि को प्लॉट बनाकर लोगों को बेच दिया। इन प्लॉटों पर बड़ी संख्या में मकान खड़े हो गए हैं। प्रभावित लोगों ने भी प्रशासन के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने प्लॉट गुप्ता से ही खरीदे थे। प्रशासन की जांच में यह भूमि गुनिया नदी की एचएफएल सीमा के भीतर पाई गई, जिससे खतरा और बढ़ गया है। इसके अलावा भाजपा के मंडल पदाधिकारी सुरेंद्र कपूर सहित कई स्थानीय नेताओं के कब्जे भी अलग-अलग स्थानों पर अभी बने हुए हैं।

महेंद्र संधू मुकेश राठौर समेत अन्य नेताओं के नाम भी अतिक्रमणकर्ताओं की सूची में सामने आए हैं। नेताओं के कब्जे होने से प्रशासन और नगर पालिका के अधिकारी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने से बचते नजर आ रहे हैं। जब इस संबंध में देवेंद्र गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोप खारिज करते हुए कहा कि यह जमीन 1956 से उनके पूर्वजों के नाम थी। बाद में उनके नाम दर्ज हुई। उन्होंने स्वीकारा कि प्लॉट उन्होंने बेचे, लेकिन शिकायतों को झूठा बताया।

  1. बूढ़े बालाजी रोड

शहर के बूढ़े बालाजी रोड पर भाजपा जिला पदाधिकारी प्रदीप औदित्य और नेता लालाराम लोधा द्वारा सरकारी जमीन पर बनाए गए मैरिज गार्डन को लेकर विवाद जारी है। अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर कई बार कलेक्टर को आवेदन दिए गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में जब प्रदीप औदित्य से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल आउट ऑफ करज एरिया मिला।

  1. सारेठा गांव

बगौरी के सारेठा गांव वन परिक्षेत्र में 100 बीघा से अधिक वन भूमि पर कब्जे का विवाद गहरा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ भाजपा के जिला मंत्री वीर बहादुर सिंह यादव और उनके परिजनों ने भी जंगल की जमीन पर कब्जा कर रखा है। पिछले दिनों वन विभाग टीम कार्रवाई के लिए निकलने वाली थी, लेकिन अंतिम समय में एक केंद्रीय मंत्री के फोन के बाद कार्रवाई रोक दी गई। इस संबंध में जब वीर बहादुर सिंह यादव से बात की गई तो उन्होंने आरोपों से इनकार किया। उनका कहना है कि सारेठा वन परिक्षेत्र में सात गांव आते हैं और वे चाहते हैं कि सेटेलाइट से वन भूमि की सही पहचान कर अतिक्रमण मिलने पर कार्रवाई की जाए।

  1. पृथ्वीपुरा

ऊमरी चौकी क्षेत्र के पृथ्वीपुरा में श्मशान और सरकारी भूमि पर रिटायर्ड डीएसपी राकेश गुप्ता के कब्जे का आरोप लगा है। कुशवाह समाज के लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है।

  1. विंध्याचल कॉलोनी

विंध्याचल कॉलोनी में औद्योगिक इकाइयों के लिए बना एक शासकीय नाला विवाद का कारण बन गया है। कॉलोनी निवासी अंशुमन तिवारी ने कलेक्टर को शिकायत में बताया कि उनके घर के पीछे से गुजरने वाला यह नाला पूरी कॉलोनी की पानी निकासी का माध्यम है और इसका उल्लेख रजिस्ट्री में भी दर्ज है। आरोप है कि भिंड में पदस्थ फूड इंस्पेक्टर किरण तोमर और उनके पति राघवेन्द्र सिंह तोमर ने नाले पर कब्जा कर अवैध निर्माण शुरू कर दिया, जिससे तिवारी के घर में पानी भरने लगा। किरण तोमर का कहना है कि लोगों द्वारा नाले में कचरा डालने से रोकने के लिए केवल मिट्टी डलवाई गई है, अवैध निर्माण नहीं किया गया।

कलेक्टर बोले

शहर हो या गांद जहां भी अतिक्रमण है उसको चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गुनिया नदी के सौदीकरण के लिए जल्द ही निष्पक्ष कार्रवाई कर पुनः अतिक्रमण हटवाए जाएंगे।- किशोर कन्याल, कलेक्टर गुना

भाजपा ने दी सफाई

अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन स्वतंत्र है। अतिक्रमण करने वाला कोई भी हो, पहले जांच करे। अतिक्रमण पाया जाता है तो उसको तत्काल हटाए। गुना शहर को सुंदर और सुव्यवस्थित करने के लिए हम प्रशासन का हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं।- धर्मेंद्र सिकरवार, जिलाध्यक्ष भाजपा

नगरपालिका प्रभारी CMO मंजूषा खत्री से सीधी बात

पहला सवाल- गुनिया नदी के कैचमेंट में भाजपा नेता देवेंद्र गुप्ता द्वारा बेचे गए प्लॉट अतिक्रमण की परिधि में आ रहे हैं या नहीं। उनको नोटिस दिया था या नहीं?

जवाब- बगैर दस्तावेज या जानकारी लिए कुछ नहीं कहा जा सकता। गुनिया नदी की जमीन पर 73 लोगों ने अतिक्रमण किए हैं। उसमें पीएम आवास भी शामिल हैं। गुनिया के आसपास बने अधिकतर मकान और प्लॉट एचएफएल की परिधि में तो आ रहे हैं, जिन पर कार्रवाई होना है।

दूसरा सवाल- रेलवे स्टेशन रोड पर सड़क के विस्तारीकरण में भाजपा नेता रविंद्र रघुवंशी का होटल बाधक बना हुआ है? उसको और वहां से अतिक्रमण कब हटाएंगे?

जवाब- सड़क विस्तारीकरण का काम जल्द होना है। किसी एक का नहीं बल्कि वहां जितने भी सड़क निर्माण में जो अतिक्रमण होंगे उन सबको हटाया जाएगा।

तीसरा सवाल- गुनिया नदी पर अतिक्रमण की कार्रवाई कब होगी?

जवाब- गुनिया नदी पर अतिक्रमण हटाने की योजना है। अभी एसआइआर और राजस्व वसूली में हमारे अधिकारी व कर्मचारी लगे हैं। इसलिए वहां कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

चौथा सवाल- विध्याचल कॉलोनी में नाले की भूमि पर अधिकारी किरण तोमर ने कब्जा कर लिया है। उस पर कोई कार्रवाई हुई?

जवाब- शिकायत हमारे पास आई है। उसकी हम जांच करा रहे हैं।

पांचवा सवाल- शहर की सड़कों और सरकारी "भूमि पर अतिक्रमण हैं। उनको हटाने की कोई रणनीति ?

जवाब- गुना शहर में जहां भी अतिक्रमण है उनको जल्द हटवाया जाएगा। (mp news)

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Updated on:
06 Dec 2025 09:54 am
Published on:
06 Dec 2025 09:53 am
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