mp news: मध्य प्रदेश के गुना में सहायता राशि को लेकर पीड़ित और प्रशासन आमने-सामने आ चुके है। यह मामला सामने तब आया जब राजस्व विभाग सर्वे टीम से लोगों ने बातचीत की।
mp news: अगर आपके घर में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण लाखों रुपए की खाद्य सामग्री, कपड़े, बर्तन आदि का नुकसान हुआ है, तो आपको सरकार की ओर से सिर्फ पांच हजार रुपए ही मिलेंगे। हां, यह ज़रूर है कि अगर किसी की दुधारू भैंस मर जाती है, तो उसे 37500 रुपए और अगर गधा या खच्चर मर जाता है, तो उसे बीस हजार रुपए मिलेंगे। यह हम नहीं कह रहे, यह राजस्व विभाग के आरबीसी 6(4) के तहत किए गए प्रावधानों में शामिल है।
राजस्व विभाग (Revenue Department) के अनुसार, सरकारी दस्तावेजों में अलग-अलग नुकसान के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है। इस नुकसान की राशि का मामला तब सामने आया जब लोग सर्वे के लिए निकली राजस्व विभाग की टीम से पूछ रहे थे कि अगर हमारे कपड़े, अनाज आदि खत्म हो गए, तो हमें कितना पैसा मिलेगा। इस पर टीम जवाब देती है कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं, जिनमें कपड़े, बर्तन और अनाज शामिल हैं, के नुकसान होने पर प्रति परिवार 5 हजार रुपए और प्रत्येक परिवार को 50 किलो गेहूं, चावल और 5 लीटर केरोसिन दिया जाएगा।
उधर, गुना शहर के न्यू सिटी कॉलोनी, वीआईपी कॉलोनी, गोविंद गार्डन के निवासियों ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार आधा-अधूरा मुआवजा न दे। उनका कहना है कि गुना शहर में करीब पांच हजार और पूरे जिले में पंद्रह हजार से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। गुना जिले को करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए का नुकसान होने की खबर है। इसके बाद गुना तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा, ग्रामीण तहसीलदार कमल मंडेलिया और अन्य तहसीलदारों के नेतृत्व में राजस्व टीम गुना शहर में सर्वे कर रही है।
गोविंद गार्डन, शिव कॉलोनी, न्यू सिटी कॉलोनी, वीआईपी कॉलोनी, पीतांबरा कॉलोनी, बूढ़ा बालाजी समेत कई इलाकों के लोगों का आरोप है कि उन्हें काफी नुकसान हुआ है, लेकिन सर्वे के लिए आई टीम आधा-अधूरा ब्यौरा देकर जा रही है। इससे उन्हें काफी कम मुआवजा (relief amount) मिलेगा। जबकि उन्हें एक-एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें कपड़े, बिस्तर, सोफा सेट, खाने-पीने का सामान, किताबें आदि शामिल हैं। यहां के लोगों ने बताया कि हमें उम्मीद थी कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया हमें राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से विशेष पैकेज दिलवाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
गुना शहरी तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा के अनुसार, गुना शहर में 90 प्रतिशत सर्वे हो चुका है। यह सर्वे अभी भी जारी है। नुकसान का सही आकलन किया जा रहा है और हम हर व्यक्ति को मुआवज़ा दिलाने की दिशा में काम कर रहे हैं।