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आउटसोर्स कर्मियों के बकाया एरियर को लेकर बड़ी खबर, ठेकेदारों को बचाने में लगे अफसर

mp news: 770 आउटसोर्स बिजली कर्मियों का ₹1.60 करोड़ एरियर बकाया है। हाईकोर्ट आदेश के बाद भी भुगतान नहीं हुआ, ठेकेदारों पर कार्रवाई से बच रहे अधिकारी।

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झाबुआ

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Akash Dewani

Aug 06, 2025

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UPS की तारीख दो महीने बढ़ गई है। (फोटो सोर्स- Patrika)

outsource workers: पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उज्जैन रीजन के अन्तर्गत झाबुआ सर्किल व उसके अधीन झाबुआ-अलीराजपुर में कार्यरत करीब 770 बिजली आउटसोर्स ठेका कर्मियों का न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण पश्चात बड़े हुए न्यूनतम वेतन का 1 करोड़ 60 लाख रुपए एरियर बकाया है।

इस संबंध में हाइकोर्ट बेंच इंदौर के आदेश और श्रम आयुक्त इंदौर के निर्देश के पांच माह बीतने के बावजूद ठेकेदार ने अब तक बकाया ऐरियर राशि (pending arrears) का भुगतान नहीं किया है। इसको लेकर बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव और महामंत्री दिनेश सिसोदिया ने बिजली कंपनी के एमडी इन्दौर, चीफ इंजीनियर उज्जैट, कलेक्टर एवं सहायक श्रम आयुक्त झाबुआ को पत्र लिखा है। (mp news)

कंपनी को ब्लैकलिस्ट और ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग

इसमें 11 माह की एरियर राशि बोनस अंतर सहित नहीं देने वाले मानवबल ठेकेदार ब्रॉडकास्टल कंपनी, नोएडा और मे. टीडीएस मैनेजमेंट कंसलटेंट प्रालि, मोहाली दोनों को ब्लैकलिस्ट कर पेनल्टी लगाने की मांग की है। झाबुआ सर्किल में ब्रॉडकास्टल कंपनी नोएडा का ठेका अप्रैल-2024 से सितंबर -2024 तक रहा। इसके बाद में. टीडीएस मैनेजमेंट कंसलटेंट प्रा.लि. मोहाली का ठेका अक्टूबर-2024 से फरवरी-2025 तक रहा, जो अभी भी जारी है। दोनों ठेकेदारों ने 11 माह के बढ़े हुए वेतन की एरियर राशि अब तक प्रदान नहीं की है। (mp news)

ठेकेदार को बचाने में लगे अफसर- आरोप

आउटसोर्स कर्मचारी (outsource workers) संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने बताया इस मामले में बिजली कंपनी के इंजीनियर अपने चहेते ठेकेदारों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई कर न तो पेनल्टी लगा रहे हैं और न ही ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर रहे हैं। वे केवल खानापूर्ति वाले पत्र लिख कर अपने हाथ बचा रहे हैं। जबकि ठेकेदार बजट नहीं होने का बहाना पांच माह से बना रहा है। यदि ठेकेदार के पास एडवांस में न्यूनतम वेतन व इस रिवाइज हुए मिनिमम वेजेस एरियर देने की धनराशि नहीं थी तो उसने टेंडर की शर्तों को स्वीकार कर यह मानव बल ठेका हासिल ही क्यों किया?

यदि यह ठेका लिया है तो टेंडर की लिखित शर्तों का पालन कर ठेकेदारों को पहले एडवांस में अपनी ओर से बकाया एरियर राशि आउटसोर्स कर्मियों को एकमुश्त भुगतान करना चाहिए। फिर इसका क्लेम कर बिल व दस्तावेज देकर बिजली कंपनी से यह राशि प्राप्त करनी थी। चूंकि इस प्रक्रिया में एक से दो माह का समय लगता, इसलिए ठेकेदार ने अपना पैसा नहीं फंसाया। (mp news)

हाईकोर्ट के आदेशों की हो रही अवमानना

इस तरह ठेकेदार हाइकोर्ट के आदेशों की अवमानना व श्रम आयुक्त के निर्देशों की अवहेलना कर टेंडर शर्तों का सरासर उल्लंघन कर रहे हैं। इसके बावजूद दोषी ठेकेदार के खिलाफ बिजली अधिकारी पेनल्टी नहीं लगा कर उन्हें ब्लैकलिस्ट करने से कतरा रहे हैं। यदि ठेकेदार बकाया एरियर की सम्पूर्ण बोनस अंतर राशि सहित भुगतान नहीं करता है तो बिजली कंपनी को स्वयं अपनी ओर से इस एरियर राशि का भुगतान करना चाहिए। पर न तो बिजली कंपनी खुद भुगतान कर रही है और न ही ठेकेदार को एरियर भुगतान के लिए विवश कर रही है।