Patwari- मध्यप्रदेश में पटवारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में ग्वालियर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
Patwari- मध्यप्रदेश में पटवारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में ग्वालियर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एक पटवारी की याचिका पर स्पष्ट किया कि सब डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ) को पटवारियों की पोस्टिंग का अधिकार प्रदत्त है। हल्का बदलना ट्रांसफर की श्रेणी में नहीं आता। इसी के साथ ग्वालियर हाईकोर्ट ने पटवारी की याचिका खारिज कर दी।
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पटवारी विनोद सिंह मावई की स्थानांतरण संबंधी याचिका पर ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सब डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ) को तहसील के भीतर पटवारियों की पोस्टिंग का वैधानिक अधिकार है। हल्का बदलना ट्रांसफर की श्रेणी में नहीं आता है। इस आदेश में कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
पटवारी विनोद सिंह को 17 जून 2025 को बानमोर खुर्द हल्का में पदस्थ किया गया था, लेकिन एक महीने बाद ही 28 जुलाई 2025 को जारी आदेश के तहत उन्हें रांचौली हल्का में भेज दिया गया। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता पटवारी विनोद सिंह का कहना था कि पहले से लागू स्थानांतरण आदेश को रद्द कर नया आदेश पारित करना गैरकानूनी है। उन्होंने यह भी कहा कि एसडीओ को अतिरिक्त कलेक्टर के आदेश को बदलने का अधिकार नहीं है।
इस पर शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि विनोद सिंह के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई थीं और उन पर 20 दिसंबर 2024 को चार्जशीट भी जारी की गई थी। जांच लंबित रहने के कारण प्रशासनिक दृष्टि से उन्हें बानमोर खुर्द से हटाकर रांचौली हल्का में पदस्थ किया गया है। शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मप्र भूमि राजस्व संहिता के अनुसार तहसील स्तर पर एसडीओ को हल्कों के भीतर पटवारियों की पोस्टिंग का अधिकार है और यह स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आता।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि 28 जुलाई का आदेश 17 जून वाले आदेश को रद्द करने जैसा नहीं है, बल्कि स्वतंत्र आदेश है। साथ ही, प्रशासनिक कारणों एवं लंबित जांच को देखते हुए पटवारी को हटाना पूरी तरह उचित है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नीति के अनुसार हल्के के भीतर पदस्थापना को स्थानांतरण नहीं माना जाता और एसडीओ का आदेश विधिसमत है।