
Deadly Melioidosis Virus Spreading Among Farmers in MP
Melioidosis Virus- मध्यप्रदेश में एक जानलेवा वायरस फैल रहा है। यह विशेष रूप से धान किसानों को संक्रमित कर रहा है। भोपाल स्थित एम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में घातक रोग मेलियोइडोसिस तेजी से फैल रहा है। बैक्टीरिया जनित यह रोग बेहद घातक होता है और इसके लक्षण टीबी जैसे होते हैं। समय पर समुचित इलाज न मिलने पर हर तीसरे मरीज की जान चली जाती है। एम्स की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में धान का रकबा बढ़ने से दूषित पानी से यह संक्रमण फैल रहा है। ज्यादातर किसान या खेती के काम में लगे लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। एम्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद सीएम मोहन यादव ने इसकी गंभीरता को देखते हुए संज्ञान लिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए बताया कि मेलियोइडोसिस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
मध्यप्रदेश में मेलियोइडोसिस संक्रमण के फैलने की बात सामने आने से सनसनी सी मच गई है। खासतौर पर धान उत्पादक किसान दहशत में आ गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक यह संक्रमण गंभीर रूप ले चुका है।
एम्स की रिपोर्ट और डॉक्टर्स के अनुसार रोग की पहचान आसानी से नहीं होती। संक्रमण इतनी तेजी से फैलता है कि हर तीसरा मरीज दम तोड देता है। प्रदेश में धान का रकबा बढ़ने और जल स्रोत ज्यादा हो जाने से मेलियोइडोसिस का संक्रमण बढ़ रहा है।
एम्स भोपाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मधुमेह से प्रभावित, धान के खेतों में काम करने वाले, ज्यादा शराब पीने वाले इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। केवल एम्स में ही 6 साल में इसके 130 संक्रमित भर्ती हो चुके हैं। यह आंकडा भी प्रदेश के करीब 20 जिलों का ही है।
डॉक्टर्स बताते हैं कि संक्रमितों का जीवन सावधानी बरतने पर ही बच सकता है। इसके लक्षण पूरी तरह टीबी जैसे होते हैं पर असल में यह अलग रोग है। मरीज को टीबी की दवा से फायदा नहीं तो तुरंत मेलियोइडोसिस की जांच करानी चाहिए।
एम्स ने दो दर्जन से ज्यादा अस्पतालों के डॉक्टरों और माइक्रोबायोलॉजिस्ट को इसकी जांच व इलाज की ट्रेनिंग दी है।
एम्स की रिपोर्ट पर सीएम मोहन यादव ने संज्ञान लिया है। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा-
धान किसानों की चिंता करते हुए, टीबी जैसे लक्षणों वाले रोग मेलिओइडोसिस के संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को, कृषि विभाग के साथ मिलकर जांच और उसकी रोकथाम के लिए यथोचित कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
तेज बुखार, खांसी, सिरदर्द, सीने में दर्द, पेट दर्द, भूख कम होना
फेफड़ों का संक्रमण (निमोनिया)
त्वचा या पूरे शरीर में संक्रमण
अल्सर या घाव होना
सांस लेने में दिक्कत होना
जोड़ों में सूजन आना
ऐसे करें बचाव
दूषित पानी से दूर रहें
कीचड़, मिट्टी के सीधे संपर्क से बचें।
घाव होने या खरोंच लगने पर खेतों या कीचड़ में काम करने से बचें
Updated on:
18 Sept 2025 04:37 pm
Published on:
18 Sept 2025 04:36 pm
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