Snake- बारिश का मौसम शुरू होते ही सांप काटने के मामले तेजी से आने लगते हैं। बारिश के दिनों में कई प्रकार के कीड़े जमीन से बाहर निकलते हैं और लोगों को काटते भी हैं।
Snake- बारिश का मौसम शुरू होते ही सांप काटने के मामले तेजी से आने लगते हैं। बारिश के दिनों में कई प्रकार के कीड़े जमीन से बाहर निकलते हैं और लोगों को काटते भी हैं। इनमें सबसे ज्यादा सर्पदंश की घटनाएं होती हैं। पहले लोग सांप के काटने के बाद झाड़ फूंक के चक्कर में काफी समय बर्बाद करते थे, लेकिन जागरूकता के कारण अब इसका इलाज कराने पर जोर दे रहे हैं। सर्पदंश के बाद लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। अच्छी बात यह है कि कई मरीज तो छोटे-छोटे गांवों से इलाज कराने आ रहे हैं, समय पर उपचार मिलने पर अधिकांश मरीज ठीक भी हो रहे हैं। ग्वालियर के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में सर्पदंश के हर दिन 8 से 10 मरीज आ रहे हैं। हालांकि इस बात पर अभी भी भ्रम बना रहता है कि सांप ने कांटा या किसी सामान्य कीड़े ने! इस पर डॉक्टर्स ने सांप के काटने के प्रमुख लक्षण बताए हैं।
ग्वालियर जिले में पिछले साल स्नेक बाइट के 381 मामले आए थे। वहीं इस साल अभी तक 47 मामले आ चुके हैं। जयारोग्य अस्पताल के मेडिसिन विभाग के आईसीयू में सर्पदंश के हर दिन 8 से 10 मरीज आ रहे हैं। इसमें से एक दो गंभीर मरीज भी आते हैं।
सांप काटने के मामले तेजी से बढे़ हैं। बारिश के सीजन में विशेष सावधानी की जरूरत रहती है। अगर सांप काट ले तो जितनी जल्दी हो डॉक्टर के पास पहुंचना चाहिए। जीआरएमसी के मेडिसिन विभाग के डॉ अजय पाल सिंह बताते हैं कि हमारे यहां एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन का पर्याप्त स्टाक है, जिससे इलाज में दिक्कत नहीं आ रही।
बारिश के चलते जून से ही सांप काटने के मामले बढ़ने लगे थे। जून महीने में 184 मामले जेएएच के मेडिसिन विभाग में पहुंचे जिसमें 99 पुरुष और 85 महिलाएं थीं। 3 लोगों की सांप काटने से मौत भी हुई थी। वहीं जुलाई महीने में यह आंकड़े तेजी से बढ़े हैं।
डॉक्टर्स और विशेषज्ञ, सांप के काटने या अन्य किसी साधारण कीड़े के काटने के लक्षणों में फर्क स्पष्ट करते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि सांप के काटने की पहचान करने के लिए यह देखें कि शरीर में लगा घाव कैसा है। अगर घाव के आसपास सूजन और लाली है, काटने की जगह पर दर्द हो रहा है, सांस लेने में तकलीफ है, उल्टी और मतली आ रही है, आंखों से साफ नहीं दिख रहा है तो ये सभी लक्षण सांप काटने के हैं। ऐसे में मरीज को फौरन अस्पताल ले आना चाहिए।