ग्वालियर हाईकोर्ट में अशोकनगर कलेक्टर द्वारा पट्टे की जमीन के विक्रय पत्र को निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी थी। अगर आप भी पट्टे की जमीन बेचने वाले हैं, तो बेचने से पहले पढें ये खबर और जानें क्या हैं नियम...।
MP News : ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अशोकनगर कलेक्टर द्वारा पट्टे की जमीन के विक्रय पत्र को निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी थी। अगर आप भी पट्टे की जमीन बेचने(Selling Leased Land) वाले हैं, तो बेचने से पहले पढें ये खबर और जानें क्या हैं नियम...।
कोर्ट ने कहा कि सरकारी पट्टे की जमीन के विक्रय(Selling Leased Land) के लिए कलेक्टर की अनुमति जरूरी है। बिना अनुमति के संपत्ति का विक्रय किया जाता है तो वह अवैध विक्रय है। मध्य प्रदेश भूमि राजस्व संहिता 1959 की धारा 165(7-बी) प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है तो जमीन के अधिकार क्रेता को हस्तांतरित नहीं होंगे।
दरअसल अशोकनगर जिला निवासी ओमप्रकाश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उसकी ओर से तर्क दिया कि गजराज सिंह को जमीन का पट्टा(Selling Leased Land) दिया गया था। उन्हें भूमि स्वामी का अधिकार मिला था। गजराज सिंह से 1.589 भूमि क्रय की। पंजीकृत विक्रय पत्र रजिस्टर्ड हुआ, लेकिन कलेक्टर स्वत: संज्ञान में लेते हुए उनके विक्रय पत्र को शून्य कर दिया।
कलेक्टर के विक्रय पत्र शून्य करने का अधिकार नहीं है। शासन की ओर से विरोध करते हुए कहा कि जमीन का विक्रय नहीं किया जा सकता है। पट्टे की भूमि को विक्रय से पहले अनुमति आवश्यकता है। कानून का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी।