ग्वालियर

अब लीज पर नहीं मिलेगी आइएसबीटी के पास खुली पड़ी जमीन, ये है बड़ी वजह

Gwalior News: स्मार्ट सिटी प्रभारी सीइओ संघ प्रिय ने समीक्षा बैठक, इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) को अब शुरू करने की कवायद तेज... अंदर ही मौजूद सेक्शन में लीज पर नहीं मिलेगी खाली पड़ी जमीन...जानें क्या है वजह?

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Gwalior News: इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) को अब शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। स्मार्ट सिटी प्रभारी सीइओ संघ प्रिय ने समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि अब आइएसबीटी के पास खुली भूमि को लीज पर नहीं दिया जाएगा। उसके स्थान पर आइएसबीटी के अंदर ही मौजूद सेक्शन में 50 दुकानें तैयार की जाएंगी।

निगमायुक्त ने दो दिन के अंदर शर्तें फाइनल कर टेंडर जारी करने को कहा

इस पर निगमायुक्त ने दो दिन के अंदर शर्तें फाइनल कर टेंडर जारी करने के लिए कहा गया। जबकि पूर्व में आइएसबीटी के संचालन व संधारण (ओएंडएम) को लेकर पेंच फंसा था और कोई ठेकेदार इसका संचालन करने को तैयार नहीं थी। इसको लेकर शुरूआत में हुई बैठक में तय किया गया था कि 1.3 एकड़ जमीन को 30 साल की लीज पर दे दिया जाए, जिससे एजेंसी निर्माण कार्य कर राजस्व प्राप्त करें और आइएसबीटी का ओएंडएम करने के साथ ही कार्पोरेशन को भी सालाना 70 लाख रुपये मिल सके। लेकिन अब इस मॉडल पर काम नहीं किया जाएगा, क्योंकि उस प्रोजेक्ट में अधिक फायदा नहीं मिलता दिख रहा था।

स्मार्ट सिटी प्रभारी सीईओ ने आइएसबीटी की शर्तों का बारीकी से किया अध्ययन

बैठक में स्मार्ट सिटी के प्रभारी सीईओ संघ प्रिय ने आइएसबीटी के ओएंडएम की शर्तों का बारीकी से अध्ययन किया। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि 1.3 एकड़ जमीन को लीज पर ना देकर भी ओएंडएम किया जा सकता है। इस पर निगमायुक्त ने पूछा कि दुकानें देने पर कितनी राशि की प्राप्ति होगी तो अधिकारियों ने बताया कि सालाना लगभग 20 लाख प्राप्त हो जाएंगे और आइएसबीटी का ओएंडएम भी हो सकेगा।


Updated on:
11 Apr 2025 02:38 pm
Published on:
11 Apr 2025 02:32 pm
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