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अपहरण कर पिस्तौल के बट से हमला करना, उसका वीडियो बनाने का अपराध जघन्य- MP High Court

MP High Court on Kidnapping Case: एमपी हाईकोर्ट ने समझौते के आधार पर एफआईआर निरस्त करने से किया इनकार, बंधक बनाकर जबरन वसूली की दर्ज कगी गई थी FIR, यहां पढ़ें पूरा मामला....

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MP High Court

MP High Court big important Order

MP High Court on Kidnapping Case: हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बंधक बनाकर जबरन वसूली की दर्ज एफआईआर को समझौते के आधार पर निरस्त करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले फरियादी का सार्वजनिक स्थान से अपहरण किया। उसे पिस्तौल का भय दिखाते हुए बट से हमला कर घायल किया। उसका वीडियो भी बनाया। ऐसा अपराध जघन्य व समाज के खिलाफ है। समझौते के आधार पर एफआईआर निरस्त नहीं की जा सकती है।

ये है मामला

दरअसल सौरव गुर्जर अन्य के खिलाफ बहोड़ापुर थाने में पारस राठौर व उसके पिता ने शिकायत की। सागरताल के पास उसकी बुआ रहती है। तीन से चार दिन में वह बुआ से मिलने जाता था। पारस 11 मार्च 2025 को शाम 7:30 बजे अपने दोस्तों से सागरताल रोड पर चर्चा कर रहा था।

शाम 7:30 बजे एक बिना नंबर की कार पास में आकर खड़ी हुई। जिसमें ललित, जश्न गिल, सौरभ गुर्जर, दीपेंद्र कंषाना, वंशदीप बैठे हुए थे। जश्न गिल ने उसे कार में बिठाया और तिघरा रोड पर ले गए। उसे धमकाते हुए 5 लाख रुपए मांगे, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। इसके चलते ऑनलाइन 16 हजार रुपए लिए। पिस्तौल दिखाते हुए उसे डराया और आंख के पास पिस्तौल के बट से हमला किया, जिससे आंख में चोट गई।

दोस्तों को बुलाया, कराया केस दर्ज

फिर वे उसे तिघरा रोड पर छोडक़र भाग गए। उसने अपने दोस्तों को बुलाया और उसे घर लेकर आए। बहोड़ापुर थाना पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया। सौरभ गुर्जर अन्य ने समझौते के आधार पर एफआइआर निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

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