ग्वालियर

SIR: एमपी के इस जिले में कटेंगे 1.23 लाख वोट, ‘शिफ्टेड वोटर’ होंगे बाहर

MP News: एसआइआर प्रक्रिया के दौरान 24,821 मृतक मतदाताओं की पहचान भी की गई है, जिनके नाम सूची से हटाए जाएंगे।

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(Photo Source- Patrika)

MP News: एमपी के ग्वालियर जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान छह विधानसभा क्षेत्रों में 1 लाख 23 हजार मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बुधवार तक किए गए काम में 90 फीसदी गणना पत्रक डिजिटल कर दिए गए, जिससे मतदाता सूची की स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है। सबसे ज्यादा शिफ्टेड मतदाता ग्वालियर पूर्व और ग्वालियर विधानसभा में मिले हैं, जहां बड़े पैमान पर मतदाता मौके पर नहीं मिले और न ही उन्होंने गणना पत्रक वापस किए।

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गलत लिंक वोटों में भी चल रहा सुधार

डेढ़ लाख से अधिक मतदाताओं के डेटा में गलत लिंक जानकारी सामने आई है। कई मतदाताओं ने 2003 की सूची में खुद या परिवारजन के नाम की सही पहचान नहीं की, जिससे फॉर्म में गलत प्रविष्टियां जुड़ गईं। अब इन त्रुटियों को ठीक किया जा रहा है।

दोनों प्रमुख सीटों से कटेंगे नाम

ग्वालियर पूर्व में 33,282 और ग्वालियर विधानसभा में 24,628 मतदाता शिफ्टेड पाए गए हैं। ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार और ग्वालियर विधानसभा से ऊर्जा मंत्री प्रद्यु्न सिंह तोमर प्रतिनिधित्व करते हैं। इन दोनों सीटों पर मतदाताओं की यह स्थिति राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं सबसे कम शिफ्टेड मतदाता डबरा में (7,627) पाए गए हैं।

मृतक मतदाताओं के हटेंगे 24,821

एसआइआर प्रक्रिया के दौरान 24,821 मृतक मतदाताओं की पहचान भी की गई है, जिनके नाम सूची से हटाए जाएंगे। जिले में यह कार्य 4 नवंबर से शुरू हुआ था। शुरुआत कठिन रही, लेकिन अब तक 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। चार बड़े महानगरों में ग्वालियर दूसरे स्थान पर है। भितरवार विधानसभा 100 प्रतिशत कार्य पूरा करने वाला पहला क्षेत्र बना है।

नए नाम जोडऩे पर भी पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा

-जिन मतदाताओं के नाम शिफ्टेड सूची में चले गए हैं, उन्हें प्रारंभिक प्रकाशन में जगह नहीं मिलेगी। ऐसे मतदाताओं को नाम पुन: जोडऩे के लिए एसआइआर की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

-नाम जोडऩे के लिए भरे जाने वाले घोषणा पत्र में 2003 में नाम कहां था, यह जानकारी अनिवार्य है। जानकारी नहीं देने पर नाम सूची में नहीं जोड़ा जाएगा।

-ग्वालियर पूर्व 2003 के बाद बनी नई विधानसभा है, जहां दूसरे जिलों से आकर बसने वाले लोगों की संख्या अधिक है। यहां के मतदाताओं ने भी गणना पत्रक भरने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई, जिसके चलते बीएलओ ने उनके फॉर्म शिफ्टेड में दर्ज कर दिए।

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Published on:
04 Dec 2025 01:38 pm
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