
(Photo Source- Patrika)
MP News: आर्थिक तंगी से जूझ रही नगरपालिका ने कर्मचारियों के वेतन के लिए नया फरमान लागू कर दिया है। जिसके तहत नगरपालिका जलकर, संपत्तिकर सहित अन्य विभागों से जितनी आए होगी उसके आधार पर वेतन मिलेगा साथ ही नो वर्क नो पे के सिस्टम के आधार पर नपा कर्मचारियों को वेतन देगी।
नगरपालिका की लगातार कम हो रही आय और बढ़ते वित्तीय दबाव के बीच प्रशासन ने कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए नई नीति लागू की है। नगर पालिका को पूर्व में चुंगी क्षतिपूर्ति से प्रतिमाह 37 लाख रुपये प्राप्त होते थे, लेकिन बिजली बिलों का भुगतान न होने, ऋण अदायगी एवं पेंशन व्यय के कारण इस राशि में कटौती होने से अब मात्र 8 से 10 लाख रुपये प्रतिमाह ही प्राप्त हो रहे हैं।
नगर पालिका की वार्षिक संपत्ति कर मांग करीब 1.40 करोड़ रुपये है, जिससे औसतन 7 से 8 लाख रुपये प्रतिमाह की ही वसूली हो पा रही है। इस प्रकार सभी स्रोतों को मिलाकर परिषद के पास अधिकतम 20 लाख रुपये मासिक की ही वित्तीय उपलब्धता बन रही है। इस सीमित आय में वेतन और पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए परिषद ने कर्मचारियों का वेतन उनके कार्य से जोडऩे का निर्णय लिया है।
परिषद ने स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी निर्धारित कार्य नहीं करेंगे, उन्हें नो वर्क-नो पे की श्रेणी में रखा जाएगा। इस कार्रवाई की जिम्मेदारी विभाग के सहायक ग्रेड-2 बाबूलाल सेहरिया को सौंपी गई है।
घर-घर कचरा संग्रहण कार्य में लगे कर्मचारियों का वेतन सेवा शुल्क की वसूली से किया जाएगा। वाहन जिस क्षेत्र से कचरा संग्रहण करता है, उसी क्षेत्र में ड्राइवर व हेल्पर को वसूली की जिम्मेदारी दी गई है।
राजस्व विभाग द्वारा की जाने वाली संपत्ति कर वसूली की राशि का आधा हिस्सा कार्यालय कर्मचारियों तथा आधा स्वच्छता कर्मियों के वेतन हेतु प्राथमिकता से उपयोग होगा। प्रत्येक एआरआई को प्रतिदिन 30 संपत्तियों का निरीक्षण कर वसूली सुनिश्चित करनी होगी।
इस कार्य की जिम्मेदारी सहायक राजस्व निरीक्षक आकाश मिश्रा को दी गई है।जल व्यवस्था में लगे कर्मचारियों का वेतन जलकर वसूली से प्राप्त राशि के आधार पर किया जाएगा। आधी राशि जल व्यवस्था तथा आधी जलप्रदाय कर्मचारियों को दी जाएगी। इस व्यवस्था की प्रभारी उपयंत्री मोहिनी साहू रहेंगी।
Published on:
03 Dec 2025 05:21 pm
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