हमीरपुर

हमीरपुर जिला कारागार में बंदी की मौत: जेलर, डिप्टी जेलर सहित 7 पर मुकदमा, बंदियों ने बताया आंखों देखी

Hamirpur jail incident हमीरपुर जिला कारागार में कैदी की मौत के बाद शासन ने जेलर और डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया है। सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। न्यायिक जांच के निर्देश दिए गए।

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फोटो सोर्स- 'X' हमीरपुर वीडियो ग्रैब

Hamirpur jail incident हमीरपुर जिला कारागार में बंदी की मौत के बाद शासन ने सख्त कदम उठाया है। जेलर डिप्टी जेलर सहित 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसमें अज्ञात भी शामिल है। पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं। जेलर और डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया है। इसके पहले परिजनों ने जिला कारागार के सामने विरोध दर्ज कराया। बिना मुकदमा दर्ज किया शव को लेने से इंकार कर दिया था।

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11 सितंबर को गया था जेल

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के जिला कारागार में बंदी 33 वर्षीय अनिल कुमार निवासी सूरजपुर सदर कोतवाली की 14 सितंबर को मौत हो गई थी। जो 11 सितंबर को 10 साल पुराने मुकदमे में अदालत में हाजिर हुआ था। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अनिल के खिलाफ मारपीट और एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज था। इधर जेल प्रशासन ने 14 सितंबर की दोपहर को घर वालों को जानकारी दी कि अनिल की बीमारी के कारण मौत हो गई है। परिजनों को बीमारी से मौत की बात समझ में नहीं आई और उन्होंने इसका विरोध दर्ज कराया। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इनके खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा

पुलिस अधीक्षक डॉ दीक्षा शर्मा ने बताया कि अनिल की मौत के मामले में हत्या, गंभीर चोट पहुंचाने, उगाही की बीएनएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। ‌ जिसमें जेलर केपी चंदेला, डिप्टी जेलर संगेश कुमार, जेल वार्डर अनिल कुमार यादव, लंबरदार दिलीप, दीपक, शफी मोहम्मद, राइटर विनय सिंह सहित अज्ञात शामिल है।

प्रशासन ने दिया मदद का आश्वासन

मृतक परिजनों को प्रशासन की तरफ से मदद की घोषणा की गई है। जिलाधिकारी घनश्याम मीणा ने बताया कि मृतक और उसके भाई के परिवार को अलग-अलग आवास दिया जाएगा। इसके साथ ही पत्नी सहित दो को आउटसोर्स पर नौकरी भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि परिजनों की मांग को शासन तक पहुंचाया जाएगा।

जेल में बंद कैदी ने बताया आंखों देखी

जेल में बंद कैदी रोहित यादव, दीपक यादव, कुंवर पाल, श्रवण तिवारी, शैलेंद्र सिंह, अखिलेश राजपूत, रामस्वरूप ने बताया कि 14 सितंबर को वह सभी जेल पीसीओ से फोन करने के लिए गए थे। वहीं पर जोर-जोर की आवाज आ रही थी। उन्होंने देखा कि अनिल को बांधकर पीटा जा रहा है। वह लोग डर के कारण चुपचाप अपनी बैरक में वापस आ गए। बाद में जानकारी मिली कि अनिल की मौत हो गई है।

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