MP News: उद्योगों की स्थापना के नाम पर सिर्फ कागज़ी वादे हुए। 179 एकड़ जमीन चिन्हित होने के बावजूद उद्योग नहीं लगे, युवाओं को रोज़गार के लिए पलायन करना पड़ रहा है।
Employment Crisis: हरदा जिला बने हुए सालों हो गए है, लेकिन अभी तक जिले में नए उद्योगों की स्थापना नहीं हो पाई है। जबकि जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा हरदा जिले में लगभग 179 एकड़ सरकारी जमीन (government land) चिन्हित की थी। लेकिन आज तक इन पर उद्योग स्थापित नहीं करवाए गाए।
लिहाजा, उद्योगों की स्थापना नहीं होने से जिले के युवाओं को रोजगार की तलाश में बाहर पलायन करना पड़ रहा है। लेकिन जिले के जनप्रतिनिधि अथवा विभाग के अधिकारी सैकड़ों एकड़ जमीन पर उद्योग स्थापित कराने में रूचि नहीं ले रहे हैं।
हरदा जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा जिले के ग्राम बिच्छापुर में लगभग 101 एकड़ सरकारी जमीन वर्ष 2022 में उद्योग स्थापित करने के लिए चिन्हित की गई थी। इस जमीन को विभाग द्वारा उद्योग लगाने के लिए विकसित करने की तैयारी की जा रही थी, ताकि उद्योगपतियों को उक्त जमीन पर प्लॉट देकर स्थापित करवाया जा सके। लेकिन गांव में एक व्यक्ति ने उक्त जमीन को अपनी जमीन बताकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। जिसमें विभाग केस जीत गया था। लेकिन अतिक्रमणकर्ता ने फिर से मामले को सेशन कोर्ट में प्रस्तुत किया है। जिसके कारण बिच्छापुर गांव में उद्योग स्थापित होने के मामला खटाई में पड़ा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने लगभग 17 साल पहले सिराली प्रवास के दौरान सुल्तानपुर में नवीन औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के साथ ही फूडपार्क और वुडपार्क की स्थापना की घोषणा की थी। जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने वर्ष 2022 में सुल्तानपुर में लगभग 31.453 हेक्टेयर जमीन अर्थात करीब 78 एकड़ भूमि का हस्तांतरण औद्योगिक विकास निगम को किया था।
इतने साल बीतने पर भी यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री चौहान की घोषणा पर अमल नहीं किया। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए जमीन नहीं मिल पाना एक मुख्य कारण बना हुआ था। किंतु जब जमीन मिल गई है तो वहां पर उद्योग स्थापित करने की तरफ औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (एमपीआईडीसी) द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित औद्योगिक क्षेत्र में 101 औद्योगिक इकाईयां स्थापित हुई थीं। लेकिन इनमें से 98 उद्योग संचालित हो रहे हैं। शेष 6 उद्योग बंद पड़े हुए हैं। हरदा मुख्यालय के अलावा जिले के खिरकिया, टिमरनी, रहटगांव, सिराली क्षेत्र में सालों बाद भी एक भी बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो पाया है।
हरदा जिला कृषि प्रधान होने के चलते यहां पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होने की अपार संभावना है। किंतु इस दिशा में अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। यही कारण है कि उद्योगों की कमी के कारण जिले में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है या फिर उन्हें बाहर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। (mp news)
वर्ष 2022 में जिले के ग्राम बिच्छापुर में लगभग 101 एकड़ जमीन को औद्योगिक इकाईयां लगाने के लिए चिह्नित किया था। जिसकी तैयारियां की जा रही थी। लेकिन गांव के एक व्यक्ति ने जमीन को अपनी बताकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें विभाग केस जीत गया था। लेकिन फिर से सेशन कोर्ट में प्रकरण दायर कर दिया है। इसलिए उद्योग स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। - मेघा सुमन, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, हरदा
सुल्तानपुर गांव में चिन्हित की जमीन पर औद्योगिक इकाईयां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए कंसलटेंसी को डीपीआर बनाने के लिए कहा है। यह काम होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।- एमके वर्मा, एमपीआईडीसी. नर्मदापुरम