Acidity Medicines Risk: एसिडिटी की सामान्य-सी लगने वाली दवाईयां आपकी हेल्थ को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं। विशेषज्ञों ने इनके ज्यादा इस्तेमाल पर तुरंत विराम लगाने की सलाह दी है। इन एसिडिटी मेडिसिन्स से विटामिन बी 12 और मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञ से समझें एसिडिटी होने पर क्या करें और किन दवाईयों को लेने से परहेज करें?
Acidity Medicines Risk: एसिडिटी की सामान्य-सी लगने वाली दवाईयां आपकी हेल्थ को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं। विशेषज्ञों ने इनके ज्यादा इस्तेमाल पर तुरंत विराम लगाने की सलाह दी है। इन एसिडिटी मेडिसिन्स से विटामिन बी 12 और मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप भी बार-बार एंटासिड ले लेते हैं और सोचते हैं कि, इससे कोई नुकसान नहीं होगा, तो आप गलत हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे थोड़ी देर के लिए आराम तो मिलता है, लेकिन लंबे समय में सेहत को खतरा है। बीएएमएस डॉक्टर अजीत जैन और स्पोर्ट्स सर्जन बताते हैं कि, यह आम दवाएं शरीर में कई जरूरी तत्वों की कमी और हड्डियों की कमजोरी तक पैदा कर सकती हैं।
विशेषज्ञ से समझते हैं, एसिडिटी होने पर क्या करें और किन दवाईयों को लेने से परहेज करें?
पैंटोप 20 पैन डी और पैन 40 में पैंटोप्राजोल होता है। इससे पेट की एसिडिटी और सीने की जलन में राहत मिलती है, पर लंबे समय तक इनका हाई डोज लेना विटामिन बी 12 और मैग्नीशियम की कमी के साथ ही हड्डियों को कमजोर कर सकता है।
पैंटोप्राजोल पेट में बनने वाले एसिड को बहुत कम कर देती है। यह दवाई भी शॉर्ट टर्म के लिए ठीक है, लेकिन महीनों या सालों तक बिना डॉक्टर की सलाह के लेना दिक्कत दे सकता है।
खाने से मिलने वाला बी 12 शरीर में तभी पचता है, जब पेट में एसिड बनता है। लंबे समय तक पैंटोप्राजोल लेने से एसिड बहुत कम हो जाता है और बी 12 की कमी हो जाती है। स्टडी में माना गया है कि दो साल से ज्यादा समय तक पीपीआई (प्रोटोन पंप इनहिबिटर) लेने वालों में बी 12 की कमी ज्यादा देखी जाती है।
लंबे समय तक पीपीआई लेने से मैग्नीशियम का स्तर भी घट सकता है। इससे मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी, थकान और दिल की धड़कन में गड़बड़ी तक की समस्या हो सकती है।
पेट का एसिड कैल्शियम को टूटने और सोखने में मदद करता है। लगातार पीपीआई लेने से कैल्शियम का पाचन कम हो सकता है, जिससे हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है और फ्रैक्चर की स्थिति बढ़ सकती है।
डॉक्टर से जरूर सलाह लें कि, क्या आपको रोजाना पीपीआई लेने की जरूरत है। डोज कम की जा सकती है या नहीं, ये भी पूछें। एक साल से ज्यादा समय से ले रहे हैं तो, विटामिन बी 12 और मैग्नीशियम की जांच जरूर कराएं। साथ ही उम्र 50 साल से ज्यादा है या पहले फ्रैक्चर हो चुका है तो, आप हड्डियों की जांच अवश्य कराएं।
ट्रिगर फूड (मसालेदार, तेलयुक्त) से बचें। भोजन के बाद वॉक करें। पानी पर्याप्त पिएं। टुकड़ो में भोजन करें। रात का खाना सोने से तीन घंटे पहले खा लेें। वजन ज्यादा है, तो घटाएं।