Longevity tips : हालांकि अक्सर कहा जाता है कि 'उम्र सिर्फ एक संख्या है' और आप उतने ही बूढ़े होते हैं जितना आप महसूस करते हैं, हमें हमेशा बताया गया है कि बुढ़ापा एक धीमी और सतत प्रक्रिया है जो वर्षों में विकसित होती है।
How to stop stop ageing : 44 और 60 की उम्र में तेजी (Ageing) से बढ़ती है उम्र, क्या आप तैयार हैं? हम अक्सर कहते हैं कि 'उम्र सिर्फ एक संख्या है' और आप उतने ही जवान हैं जितना आप महसूस करते हैं, लेकिन एक नई स्टडी बताती है कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया उतनी धीमी और निरंतर नहीं होती जितना हम सोचते थे। वास्तव में, हम 44 और 60 वर्ष की उम्र में तेजी से उम्रदराज होते हैं।
प्रसिद्ध जर्नल Nature में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, उम्र बढ़ने (Ageing) की प्रक्रिया दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर तेजी से होती है—एक बार मध्य 40 के दशक में और दूसरी बार प्रारंभिक 60 के दशक में। अध्ययन में 108 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 25 से 75 साल के बीच थी। यह पाया गया कि उम्र बढ़ने (Ageing) का पैटर्न सुचारू रूप से नहीं होता, बल्कि 44 और 60 की उम्र के आसपास शरीर में महत्वपूर्ण जैविक परिवर्तन होते हैं।
मध्य-40 में क्यों होती है तेजी?
डॉ. बालकृष्ण जीके, हेड ऑफ डिपार्टमेंट और वरिष्ठ कंसल्टेंट, ग्रीनल्स बीजीएस अस्पताल, बेंगलुरु के अनुसार, 40 के दशक के मध्य में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन में वृद्धि होती है, और कोशिकीय मरम्मत तंत्रों में बदलाव आते हैं। इसका परिणाम त्वचा की झुर्रियां, मांसपेशियों की कमजोरी, और जोड़ो में दर्द जैसी समस्याओं के रूप में दिखता है।
60 की उम्र में क्या होता है?
60 की उम्र के आसपास, शरीर में कोशिकीय क्षति बढ़ती है और पुनर्जीवित करने की क्षमता घटने लगती है। इसका सीधा प्रभाव हड्डियों की मजबूती, मांसपेशियों की स्थिरता, और संज्ञानात्मक क्षमताओं पर पड़ता है। साथ ही, हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है।
हालांकि यह अध्ययन अमेरिकी प्रतिभागियों पर किया गया था, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके परिणाम भारत जैसे देशों में भी समान हो सकते हैं। डॉ. प्रशांत सक्सेना, सीनियर डायरेक्टर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के अनुसार, "मध्य-जीवन और बाद की उम्र के संक्रमण सभी संस्कृतियों में महत्वपूर्ण होते हैं। भारतीय समाज में इन परिवर्तनों को पारंपरिक मूल्य और परिवार की भूमिकाएं प्रभावित करती हैं।"
हालांकि उम्र को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ जीवनशैली में बदलाव इसे धीमा करने में मदद कर सकते हैं।
व्यायाम करें: नियमित शारीरिक गतिविधि, विशेषकर कार्डियोवस्कुलर फिटनेस और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, मांसपेशियों को बनाए रखने में सहायक होती है।
संतुलित आहार: एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर आहार और कम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ खाने से कोशिकीय क्षति को रोका जा सकता है।
तनाव प्रबंधन: ध्यान और योग जैसी तकनीकों से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
नींद का महत्व: पर्याप्त नींद लेने से इम्युनिटी मजबूत होती है और सूजन की संभावना कम होती है।
मध्य 40 के दशक में क्या ध्यान दें?
इस उम्र में मांसपेशियों का नुकसान शुरू होता है, इसलिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, दिल की सेहत के लिए कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज जरूरी होती है।
60 के दशक में क्या करें?
60 की उम्र में संतुलन और गतिशीलता को प्राथमिकता दें। फंक्शनल ट्रेनिंग से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच भी इस उम्र में महत्वपूर्ण हो जाती है ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या को शुरुआती चरण में पहचाना जा सके।
उम्र के इन चरणों में मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। करियर या रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़े तनाव का सीधा प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है और यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को और तेज कर सकता है।
आहार और नींद का महत्व
नींद और आहार दोनों उम्र बढ़ने (Ageing) की गति को प्रभावित कर सकते हैं। दो रात की खराब नींद भी कोर्टिसोल और इंसुलिन के स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे सूजन और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। स्वस्थ आहार और नियमित नींद से इन हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
हालांकि उम्र बढ़ना (Ageing) जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन सही जीवनशैली, व्यायाम, आहार और मानसिक स्वास्थ्य के साथ हम इस प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं। 40 और 60 की उम्र के मोड़ पर विशेष ध्यान देना महत्वपूर्ण है ताकि आप स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकें।