Health Checkup Guidelines: 30 साल से ऊपर के लोगों के लिए डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की सालाना जांच जरूरी है। कम उम्र वालों को मोटापा, PCOS या खराब लाइफस्टाइल जैसी वजहों से स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
Health Checkup Guidelines: यह बात अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं कि डायबिटीज और ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और शुरुआती स्टेज में कोई खास लक्षण भी नहीं देते। लेकिन इसी वजह से बाद में ये बड़ी बीमारी बन जाते हैं। भारत सरकार की नई गाइडलाइन्स और AIIMS के डॉ. यशदीप गुप्ता की सलाह के मुताबिक, अब सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, 30 साल के बाद हर व्यक्ति को साल में एक बार हेल्थ चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
सरकार का साफ नियम है कि 30 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को हर साल डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए। वजह? इस उम्र के बाद शरीर में शुगर और BP से जुड़े रिस्क तेजी से बढ़ने लगते हैं। कई लोग बिना लक्षणों के ही हाई BP या प्री-डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। मतलब, अगर आपकी उम्र 30 से ज्यादा है तो सालाना चेकअप सिर्फ ऑप्शन नहीं, जरूरी है।
अगर आप 30 से कम उम्र के हैं, तब भी आपको चेकअप करवाना है, लेकिन तब जब आपके पास कुछ खास रिस्क फैक्टर हों। ये वो चीजें हैं जो डायबिटीज और हाई BP के खतरे को बढ़ाती हैं।
डॉ. यशदीप और सरकारी गाइडलाइन्स के अनुसार, इन लोगों को सालाना स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए:
मोटापा (Obesity)- अगर आपकी बॉडी में फैट ज्यादा है, वजन तेजी से बढ़ रहा है या BMI हाई है, तो आपको डायबिटीज और BP दोनों का ज्यादा खतरा होता है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी- जो लोग रोजाना बहुत कम चलते-फिरते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते या लंबे समय तक बैठे रहते हैं, उन्हें स्क्रीनिंग कराना जरूरी है।
खराब खान-पान (Poor Diet)- ज्यादा फास्ट फूड, तली-भुनी चीजें, मीठा, पैकेज्ड फूड ये सभी शरीर पर सीधे असर डालते हैं और डायबिटीज-BP का खतरा बढ़ाते हैं।
PCOS- जिन महिलाओं को PCOS है, उनमें शुगर लेवल बिगड़ने और बाद में डायबिटीज होने की संभावना ज्यादा होती है।
गर्भावस्था में डायबिटीज (Gestational Diabetes)- जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में शुगर रही है, वे आगे चलकर डायबिटीज की मरीज जल्दी बन सकती हैं। इसलिए सालाना टेस्ट जरूरी है।
भारत सरकार के अनुसार उम्र 30 से ऊपर हो तो, हर साल डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की स्क्रीनिंग अनिवार्य है। उम्र 30 से कम है तो यदि कोई भी जोखिम कारक है, तो वार्षिक चेकअप जरूरी है। डॉ. यशदीप गुप्ता बताते हैं कि समय पर जांच होने से बीमारी को शुरुआती स्टेज में पकड़ लिया जाता है। इससे दवाइयों की जरूरत कम पड़ती है, जटिलताएं नहीं बढ़तीं, और आपकी आगे की जिंदगी काफी स्वस्थ रहती है।