Basi Roti Ke Fayde : अक्सर हम भारतीय घरों में देखते हैं कि रात को बनी कुछ रोटियां बच जाती हैं। सुबह होते ही, या तो उन्हें गाय को खिला दिया जाता है, या फिर फेंक दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, जिस बासी रोटी को हम बेकार समझते हैं, वो हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी खजाने से कम नहीं है?
Basi Roti Ke Fayde : आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही इस बात को मानते हैं कि बासी रोटी में कुछ ऐसे खास गुण होते हैं जो ताजी रोटी में नहीं पाए जाते। ये न सिर्फ हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी मदद करते हैं। तो आइए जानते हैं कैसे, और क्यों
डायबिटीज आज एक आम समस्या बन गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बासी रोटी इसमें आपकी मदद कर सकती है? रात भर रखी रहने के बाद रोटी में एक हल्की प्राकृतिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिसे फर्मेंटेशन (fermentation) कहते हैं। इस प्रक्रिया से रोटी में एक खास तरह का रेसिस्टेंट स्टार्च (resistant starch) बनता है। यह स्टार्च पेट में धीरे-धीरे पचता है, जिससे खून में शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए सुबह बासी रोटी को फीके दूध के साथ खाना बहुत फायदेमंद माना जाता है। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की गई है।
क्या आपको अक्सर कब्ज, गैस या पेट फूलने जैसी समस्याएं रहती हैं? बासी रोटी में बनने वाले प्रोबायोटिक्स (probiotics) और प्री-बायोटिक्स (prebiotics) पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। इससे न सिर्फ पाचन बेहतर होता है, बल्कि पेट की जलन और अल्सर जैसी तकलीफों से भी छुटकारा मिल सकता है।
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए बासी रोटी एक बेहतरीन विकल्प है। बासी रोटी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और कैलोरी कम। इसे खाने के बाद पेट देर तक भरा रहता है और जल्दी भूख नहीं लगती। इसके अलावा, इसमें मौजूद रेसिस्टेंट स्टार्च शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को जलाने में भी मदद करता है। इसे अपने डाइट प्लान में शामिल करके आप अपनी वेट लॉस जर्नी को आसान बना सकते हैं।
हमारी सेहत का 70% हिस्सा हमारे पेट से जुड़ा होता है। जब हमारा पाचन तंत्र स्वस्थ होता है, तो शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता, यानी इम्यूनिटी भी बढ़ती है। बासी रोटी में मौजूद प्रोबायोटिक्स शरीर को मजबूत बनाते हैं और बार-बार होने वाली सर्दी-खांसी या बुखार जैसी छोटी-मोटी बीमारियों से बचाते हैं।
आयुर्वेद में भी बासी रोटी का जिक्र मिलता है। इसे तासीर में ठंडा माना जाता है। खासकर गर्मियों में, इसे दूध के साथ खाने से शरीर की गर्मी शांत होती है और पेट को ठंडक मिलती है। यह लू से बचाव में भी सहायक हो सकती है।
अगली बार जब रात की रोटियां बच जाएं, तो उन्हें फेंकने के बजाय उनका सही इस्तेमाल करें। यह पुरानी परंपरा शायद हमारे स्वास्थ्य के लिए एक छिपा हुआ वरदान है। तो, आप इसे कब से आजमाना शुरू कर रहे हैं?
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।