Colon Cancer: रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली एस्पिरिन, कोलन कैंसर के मरीजों के लिए जीवन रक्षक की तरह काम कर सकती है। बताया जा रहा है कि यह दवा कोलन कैंसर के दोबारा होने के खतरे को लगभग 50% तक कम कर सकती है।
Colon Cancer: क्या आप यकीन करेंगे कि सिरदर्द या बुखार में इस्तेमाल होने वाली आम दवा कोलन कैंसर के मरीजों के लिए जीवन रक्षक की तरह काम कर सकती है? हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया है कि एस्पिरिन की यह गोली कोलन कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी ने इस दिशा में नई उम्मीद जगाई है। रिसर्चर मानते हैं कि यह सस्ती और आसानी से उपलब्ध दवा अब कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है।
The New England Journal of Medicine में प्रकाशित, स्वीडन के Karolinska Institutet और Karolinska University Hospital के वैज्ञानिकों ने एक क्लिनिकल स्टडी की, जिसका नाम था "ALASCCA ट्रायल"। इस स्टडी में 3,500 से अधिक ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जिन्होंने स्टेज I से III तक के कोलन या रेक्टल कैंसर का ऑपरेशन करवाया था।
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन मरीजों के कैंसर में PI3K सिग्नलिंग पाथवे नामक जेनेटिक परिवर्तन मौजूद था, यदि वे रोजाना 160 मिलीग्राम एस्पिरिन तीन वर्षों तक लेते रहे, तो उनमें कैंसर के दोबारा लौटने का खतरा लगभग 55% तक घट गया।
PI3K जीन हमारे शरीर की कोशिकाओं की ग्रोथ और सर्वाइवल को कंट्रोल करता है। जब इसमें बदलाव होता है तो कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं और कैंसर दोबारा हो सकता है।अस्पिरिन सूजन कम करने और प्लेटलेट्स की एक्टिविटी घटाने में काम करता है। यही वजह है कि यह म्यूटेशन वाले मरीजों में कैंसर सेल्स को दोबारा बढ़ने से रोकने में असरदार साबित हुआ।
ऐसे मरीज जिनके ट्यूमर में PI3K म्यूटेशन पाया गया हो, जिन्होंने स्टेज I से III तक के कैंसर की सर्जरी करवाई हो और जिनकी उम्र 80 साल से कम हो, क्योंकि इस ट्रायल में केवल इसी उम्र तक के लोगों को शामिल किया गया था।
हालांकि एस्पिरिन मार्केट में काफी आसानी से मिलने वाली दवा है, लेकिन बिना जानकारी के सेवन करना शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है, जैसे पेट में अल्सर, ब्लीडिंग या किसी प्रकार की एलर्जी की समस्या। इसलिए सलाह यही है कि बिना डॉक्टर की सलाह और निगरानी के इसका सेवन न करें।