Blood Sugar Check: ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना या घटना खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए। ब्लड शुगर मॉनिटर करना रोजमर्रा की आदत बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्लड शुगर लेवल चेक करते वक्त कुछ लोग अक्सर आम गलतियां कर बैठते हैं?
Blood Sugar Check: ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना या घटना खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए। ब्लड शुगर मॉनिटर करना रोजमर्रा की आदत बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्लड शुगर लेवल चेक करते वक्त कुछ लोग अक्सर आम गलतियां कर बैठते हैं?और जब रीडिंग गलत हो, तो इलाज, दवाएं और डाइट सब कुछ गड़बड़ हो सकता है। अगर आप भी ब्लड शुगर चेक करते वक़्त ऐसी कोई गलती कर रहे हैं, तो हो जाएं सावधान! जानिए वो 5 कॉमन गलतियां, जो आपकी रिपोर्ट को बना सकती हैं झूठा या भ्रामक और उनसे कैसे बचा जाए।
तनाव, बुखार या इन्फेक्शन की स्थिति में शरीर ऐसे हार्मोन रिलीज करता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा देते हैं। ऐसे समय पर आपकी रिपोर्ट सामान्य से ज्यादा आ सकती है।
सही तरीका – अगर ऐसी स्थिति में शुगर हाई दिखे तो घबराएं नहीं, लेकिन लगातार हाई रिजल्ट आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
कई लोग जल्दी में सीधे उंगली चुभोकर टेस्ट कर लेते हैं। लेकिन अगर हाथों पर जरा-सा फल का रस, मिठास या गंदगी लगी है, तो आपकी रीडिंग झूठी निकल सकती है।
सही तरीका – टेस्ट से पहले साबुन-पानी से हाथ धोकर अच्छी तरह सुखा लें। अल्कोहल वाइप इस्तेमाल किया है तो पूरी तरह सूखने दें।
ब्लड शुगर की रीडिंग का समय बहुत मायने रखता है। फास्टिंग का मतलब है 8-10 घंटे तक कुछ न खाने के बाद टेस्ट करना। वहीं पोस्टप्रांडियल रीडिंग खाना शुरू करने के ठीक 2 घंटे बाद ली जाती है। अगर समय गड़बड़ हुआ, तो पैटर्न गलत दिखेगा।
सही तरीका – हमेशा डॉक्टर द्वारा बताए गए टाइम पर ही टेस्ट करें।
नए ग्लूकोमीटर थोड़े से खून में काम कर जाते हैं, लेकिन अगर बूंद बहुत छोटी हो या उंगली को जोर से दबाकर निकाला गया खून स्ट्रिप पर लगा, तो रिजल्ट गड़बड़ा सकता है।
सही तरीका – उंगली को हल्का-सा मसाज करें, ज्यादा दबाव न डालें और स्ट्रिप को खून की बूंद के सीधे संपर्क में आने दें।
टेस्ट स्ट्रिप्स नमी और तापमान के प्रति बहुत संवेदनशील होती हैं। अगर एक्सपायर हो चुकी हैं या सही तरीके से स्टोर नहीं हुईं, तो रीडिंग गलत आना तय है।
सही तरीका – हमेशा स्ट्रिप्स की एक्सपायरी डेट चेक करें और डिब्बे को तुरंत बंद करके सुरक्षित जगह पर रखें।
ग्लूकोमीटर भी एक मेडिकल डिवाइस है। अगर इसे धूल, नमी या गंदगी में रख दिया, तो इसकी परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है।
सही तरीका - समय-समय पर डिवाइस को साफ करें और कंट्रोल सॉल्यूशन से इसकी एक्यूरेसी जांचते रहें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।