Blue Spots on Skin: यदि आपके के बिना चोट के शरीर पर नीले निशान पड़ जाते हैं तो आपको सावधान हो जाने जरूरत है। इसके पीछ का कारण सायनोसिस कि समस्या हो सकती है।
Blue Spots on Skin: आपने अक्सर शरीर पर नीला धब्बा देखा होगा जो चोट लगने पर हमारे शरीर पर हो जाता है। लेकिन यह अपने आप ठीक भी हो जाता है। लेकिन जब ऐसे धब्बे बार-बार हो रहे हैं और आपको कोई चोट नहीं है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत होती है। इसके के पीछे का कारण सायनोसिस कि समस्या भी हो सकती है। जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो खून का रंग नीला हो जाता है।
यदि आपको सायनोसिस की समस्या हो जाती है तो आपको बेहोशी, दौरा पड़ना जैसी समस्या भी हो सकती है और यदि आप समय पर इलाज नहीं करवाते हैं तो इस समस्या के कारण ब्रेन स्टेम रिफ्लेक्स, ब्रेन डैड जैसी समस्या भी हो सकती है।
शरीर में नीले धब्बे होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कम तापमान के संपर्क में आने पर, शरीर के कुछ अंगों, जैसे हाथों और पैरों की उंगलियों, में रक्त की आपूर्ति अस्थायी रूप से घट जाती है। फेफड़ों में संक्रमण, जैसे कि निमोनिया और ब्रॉन्कियोलाइटिस, हो सकता है। इसके अलावा, फेफड़ों की धमनियों में रक्त का थक्का भी बन सकता है। आमतौर पर संक्रमण के कारण गले के पीछे के ऊतकों के फ्लैप में सूजन और प्रदाह उत्पन्न होता है। जन्म के समय मौजूद हृदय दोष भी हो सकते हैं, जो रक्त के प्रवाह को हार्ट और शरीर के अन्य हिस्सों में प्रभावित कर सकते हैं।
सायनोसिस का मुख्य संकेत त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली पर नीले, भूरे या बैंगनी रंग का होना है। रक्त में ऑक्सीजन सैचुरेशन 95% से 100% के बीच होती है, जिसका अर्थ है कि आपके रक्त में लगभग सभी हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से भरे हुए हैं। आपकी त्वचा का नीलापन तब तक दिखाई नहीं देगा जब तक कि आपका ऑक्सीजन सैचुरेशन 85% से कम न हो।
कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनको लोग नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन इनको नजरअंदाज करना सही नहीं होता हैं। जानिए कौनसे हो सकते हैं वो लक्षण
ये आदि लक्षण यदि आपको दिखते हैं तो इन्हें बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।