स्वास्थ्य

Brain Eating Amoeba: क्या स्विमिंग पूल से फैलता है दिमाग खाने वाला अमीबा? जानिए सच

Brain Eating Amoeba: ब्रेन ईटिंग अमीबा (Naegleria fowleri) क्या है? क्या यह स्विमिंग पूल से फैल सकता है? जानिए इसके लक्षण, संक्रमण का खतरा और इससे बचाव के आसान उपाय।

2 min read
Sep 26, 2025
Brain Eating Amoeba (photo- gemini ai)

Brain Eating Amoeba: केरल में ब्रेन इंटिंग अमीबा का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ब्रेन ईटिंग अमीबा का वैज्ञानिक नाम नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) है। इसे आम भाषा में दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहा जाता है। हाल ही में केरल से इसके कई मामले सामने आए हैं। अब तक लगभग 80 केस दर्ज हो चुके हैं और करीब 21 लोगों की मौत भी हो चुकी है।

यह अमीबा शरीर में प्रवेश करने के बाद दिमाग तक पहुंच जाता है और वहां गंभीर इंफेक्शन पैदा कर देता है जिसे प्राइमेरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (PAM) कहा जाता है। यह संक्रमण सीधा सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) को प्रभावित करता है और ज्यादातर मामलों में जानलेवा साबित होता है। इससे प्रभावित लोगों में 95% लोगों की मौत हो जाती है। यह पानी में मौजूद एक सूक्ष्म जीव है जो नाक के रास्ते शरीर में घुसकर सीधे दिमाग पर हमला करता है।

ये भी पढ़ें

Kerala News : “95% मरीजों की हो जाती है मौत”, केरल में बढ़ता घातक संक्रमण, ब्रेन-ईटिंग अमीबा के 120 से अधिक मामले

यह अमीबा कैसे फैलता है?

यह खतरनाक अमीबा संक्रमित पानी के संपर्क से फैलता है। अगर ऐसा पानी नाक में चला जाए तो अमीबा सीधा दिमाग तक पहुंच जाता है। स्विमिंग, गोता लगाने या फिर तालाब,झील जैसे असुरक्षित पानी में किसी भी एक्टिविटी के दौरान इसका संक्रमण होने की संभावना रहती है। खासतौर पर गर्म और ताजे पानी में यह अमीबा तेजी से पनपता है।

क्या सच में स्विमिंग से फैलता है ब्रेन ईटिंग अमीबा?

अगर आप ऐसे पूल या पानी में तैरते हैं जिसकी साफ-सफाई ठीक से नहीं हुई है, तो अमीबा का संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है। जब कोई व्यक्ति स्विमिंग के दौरान गोता लगाता है या नाक में पानी चला जाता है, तो अमीबा शरीर में प्रवेश कर सकता है और दिमाग में इंफेक्शन पैदा कर देता है।

ब्रेन ईटिंग अमीबा के लक्षण

अगर यह अमीबा शरीर में घुस जाए तो शुरुआती दिनों में इसके कुछ लक्षण दिखने लगते हैं। संक्रमित पानी के नाक के रास्ते जाने के 1 से 9 दिनों के अंदर ये संकेत सामने आ सकते हैं। लगातार सिर दर्द, तेज बुखार, जी मिचलाना और बार-बार उल्टी होना, गर्दन अकड़ना, कन्फ्यूजन और चक्कर, दौरे (सीजर) आना, गंभीर हालत में कोमा तक पहुंच जाना।

ब्रेन ईटिंग अमीबा से बचाव कैसे करें?

गर्म या असुरक्षित पानी में स्विमिंग से बचें। नाक साफ करने वाले उपकरण (Neti Pot आदि) में कभी भी नल का पानी न भरें, केवल डिस्टिल्ड या स्टेरेलाइज्ड वॉटर का ही इस्तेमाल करें। पानी की सफाई के लिए NSF 53 या NSF 58 फिल्टर वाले वाटर फिल्टर का प्रयोग करें। नाक साफ करने के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन ब्लीच लिक्विड या टैबलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

ब्रेन ईटिंग अमीबा का इलाज

इस संक्रमण का इलाज करना बेहद मुश्किल है। आमतौर पर एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल दवाएं दी जाती हैं ताकि इंफेक्शन को कंट्रोल किया जा सके। हालांकि, अब तक इसका पूरी तरह कारगर इलाज नहीं मिला है और अधिकतर मामलों में संक्रमण घातक साबित होता है।

ये भी पढ़ें

नाक से दिमाग में जाता है Brain-eating amoeba, क्या मरीज को छूने से फैलता है, जानिए ऐसी 10 बातें

Also Read
View All

अगली खबर