Mental health treatment for seniors : मनोचिकित्सक डॉ. सुनील सुथार ने बताया कि बुजुर्गों में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है। इसके लिए अवसाद, चिंता, डिमेंशिया, अल्जाइमर और अकेलापन मुख्य कारण हैं। जानिए इस समस्या का क्या इलाज है।
Elderly mental health : बुजुर्गों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं आम होती हैं, जिनमें अवसाद, चिंता, डिमेंशिया, अल्जाइमर और अकेलापन प्रमुख हैं। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में होने वाले जैविक और सामाजिक परिवर्तन मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को लेकर हमने बात की सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. सुनील सुथार दे रहें हैं आपके सवालों के जवाब।
डिमेंशिया एक व्यापक शब्द है, जिसमें सोचने, याद रखने और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। अल्जाइमर, डिमेंशिया का सबसे सामान्य प्रकार है, जो धीरे-धीरे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
जी हां, उचित इलाज और देखभाल से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। थेरेपी, दवाइयां और लाइफस्टाइल में बदलाव कई समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- लगातार उदासी महसूस करना
- नींद की समस्या
- भूख में कमी या ज्यादा खाना
- सामाजिक गतिविधियों में रुचि न लेना
- आत्मग्लानि महसूस करना
सामाजिक मेल-जोल बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, क्लब जॉइन करना और सामाजिक कार्यों में भाग लेना फायदेमंद साबित हो सकता है।
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, अच्छी नींद और तनाव मुक्त जीवनशैली मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को बनाए रखने में मदद करती है।
कुछ मानसिक रोगों के लिए दवाइयां जरूरी हो सकती हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना न लें। सही दवाइयां लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
नींद की गुणवत्ता का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। गहरी और पूरी नींद दिमाग को पुनः ऊर्जावान बनाती है और तनाव कम करती है।
कुछ मानसिक समस्याएं आनुवंशिक हो सकती हैं, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इनके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
योग और ध्यान मानसिक तनाव को कम करने, ध्यान केंद्रित करने और मानसिक शांति बनाए रखने में सहायक होते हैं।
परिवार का सहारा और समर्थन मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुजुर्गों से बातचीत करना, उनकी भावनाओं को समझना और उनकी देखभाल करना आवश्यक है।
सकारात्मक सोच बनाए रखें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
लोगों से बातचीत करें
अपने शौक को समय दें
जरूरत पड़ने पर चिकित्सीय मदद लें
ओमेगा-3 युक्त भोजन, हरी सब्जियां, नट्स और ताजे फल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। कैफीन और तली-भुनी चीजों का अधिक सेवन करने से बचें।
पढ़ाई और पजल हल करना
संगीत सुनना
बागवानी करना
ध्यान और योग
कला और हस्तशिल्प में रुचि लेना
बुजुर्गों का मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। सही देखभाल, सामाजिक समर्थन और सक्रिय जीवनशैली अपनाकर वे एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।