Skipping Breakfast & Late-Night Eating : युवा भारतीयों (20-30 की उम्र) में दिल के दौरे बढ़ रहे हैं। हृदय रोग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि नाश्ता न करने और देर रात खाना खाने से हृदय रोग का खतरा 4-5 गुना बढ़ जाता है।
Heart Attack in young Indian : युवा भारतीयों में दिल के दौरे का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह पहले एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या हुआ करती थी जो मध्य आयु या युवावस्था के अंतिम वर्षों में चिंता का विषय थी, लेकिन अब यह बीस और तीस के दशक के युवाओं को भी नहीं बख्श रही है। लाइफ स्टाइल की कुछ आदतें इसे और भी बदतर बना देती हैं, जो जानलेवा हृदय संबंधी घटनाओं के जोखिम को बढ़ा देती हैं।
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी ने बताया कि अनियमित खान-पान की आदतें सीधे तौर पर बढ़े हुए हृदय जोखिम और बदतर परिणामों से जुड़ी हैं।
डॉ. हेमंत चतुर्वेदी कहते हैं कि दिल की बीमारियों के पीछे सिर्फ मोटापा, तनाव या खानदानी इतिहास ही वजह नहीं होते। दो बहुत आम लेकिन खतरनाक आदतें भी इसका कारण बन सकती हैं – नाश्ता छोड़ना और देर रात खाना खाना।
वो बताते हैं कि अगर कोई इंसान इन दोनों आदतों में फंसता है, तो दिल की समस्या उन लोगों में भी हो सकती है जिनके परिवार में पहले कभी हार्ट डिजीज नहीं रही।
इसके लिए युवाओं के अनियमित खान-पान को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, चाहे सुबह की भागदौड़ उन्हें नाश्ता छोड़ने पर मजबूर करे या देर रात के काम के फोन आने पर रात का खाना देर से खाने पर अंततः इन आदतों का बोझ दिल पर ही पड़ता है।
इसके अलावा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी ही गलत आदतों के कारण भारतीय वयस्कों को दूसरे देशों के लोगों की तुलना में एक दशक कम उम्र में दिल का दौरा पड़ रहा है। हृदय रोग विशेषज्ञ ने कहा, नाश्ता छोड़ना और देर रात खाना, जो कभी सामान्य प्रवृत्तियां हुआ करती थीं, आज युवा भारतीयों में दिल के दौरे के खतरनाक खतरे के प्रमुख कारणों के रूप में पहचानी जाती हैं।
नाश्ता छोड़ना भले ही सुविधा के लिए हो जिससे आपके काम पर आने-जाने में ज्यादा समय लग जाए, लेकिन इसके आपके दिल पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इससे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और प्लाक जमा होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
जो युवा सुबह का नाश्ता नहीं करते, उनमें ब्लड प्रेशर बढ़ने और शरीर की गड़बड़ मेटाबॉलिक (चयापचय) प्रतिक्रियाओं का खतरा ज्यादा होता है। ये हालात आगे चलकर धमनियों में फैट और गंदगी (प्लाक) जमा होने और उसके अस्थिर होने की वजह बनते हैं।
जब नाश्ता छोड़ दिया जाता है तो शरीर को लंबे समय तक भूखा रहना पड़ता है। इससे तनाव वाला हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ जाता है, जो दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा और बढ़ा देता है।
उनके अनुसार, बार-बार नाश्ता छोड़ने से दिल का दौरा और हृदय संबंधी मृत्यु का खतरा 27-35 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
देर रात खाने का मतलब है रात का खाना खत्म करने के तुरंत बाद सो जाना। इससे शरीर में सूजन आ जाती है। देर रात खाने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, सोने से दो घंटे से कम समय पहले रात का खाना खाने से शरीर की आंतरिक चयापचय प्रक्रिया बिगड़ जाती है, ग्लूकोज का प्रबंधन बाधित होता है, और सूजन बढ़ जाती है, जिससे मायोकार्डियल इंजरी के लिए अनुकूल स्थितियां पैदा होती हैं।"
अगर आप रोज सुबह बिना नाश्ता किए दिन की शुरुआत करते हैं और देर रात जब भी मौका मिले तब खाना खाते हैं तो आप खुद अपने दिल को बड़ी मुसीबत में डाल रहे हैं।
हार्ट एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये दोनों आदतें साथ मिलकर दिल की सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं। अगर किसी को दिल का दौरा पड़ जाए तो ऐसी लाइफस्टाइल वाले लोगों में दोबारा अटैक आने या मौत का खतरा 4 से 5 गुना ज्यादा हो जाता है।