Cervical Cancer: MUSC की एक नई स्टडी है जिसमें पाया गया है कि सर्वाइकल कैंसर से झूझ रही महिलाओं में एनल कैंसर का बढ़ा खतरा है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी
Cervical Cancer Survivors Risk: MUSC हॉलींग्स कैंसर सेंटर की एक नई स्टडी ने महिलाओं के लिए बड़ा खुलासा किया है। रिसर्च में पाया गया कि जो महिलाएं गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर से बच चुकी हैं, उनमें आगे चलकर गुदा (एनल) कैंसर का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ सकता है। खास बात यह है कि ज्यादातर महिलाओं को इस जोखिम के बारे में जानकारी ही नहीं होती।
अमेरिका में 85,000 से ज्यादा महिलाओं के हेल्थ रिकॉर्ड की जांच की गई, जिन्हें पहले सर्वाइकल कैंसर हो चुका था। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के SEER डाटाबेस से मिली जानकारी को 20 साल तक ट्रैक किया गया। और नतीजे चौंकाने वाले थे।सर्वाइकल कैंसर से उबर चुकी महिलाओं में आम महिलाओं की तुलना में लगभग दोगुना ज्यादा खतरा पाया गया।जैसे-जैसे उम्र बढ़ी और कैंसर से ठीक हुए साल बीतते गए, खतरा और बढ़ता गया। 65 से 74 वर्ष की महिलाओं में, जिन्हें सर्वाइकल कैंसर हुए 15 साल से ज्यादा हो चुके थे, गुदा कैंसर के मामले सबसे ज्यादा पाए गए। इस उम्र में इनका खतरा इतना बढ़ गया कि यह उस लेवल से भी ऊपर निकल गया, जहां आमतौर पर डॉक्टर स्क्रीनिंग की सलाह देते हैं।
सर्वाइकल और गुदा, दोनों तरह के कैंसर का एक बड़ा कारण है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV)।अधिकतर लोग HPV के संपर्क में आते हैं, लेकिन हर किसी को कैंसर नहीं होता।यह वायरस कई बार शरीर में सालों तक छिपा रह सकता है और धीरे-धीरे कोशिकाओं में बदलाव करता है।यही वजह है कि सर्वाइकल कैंसर से ठीक हो चुकी महिलाओं में भी आगे चलकर गुदा कैंसर का खतरा बना रहता है।
फिलहाल, गुदा कैंसर की रूटीन स्क्रीनिंग सभी महिलाओं के लिए जरूरी नहीं मानी जाती। अभी यह केवल कुछ हाई-रिस्क ग्रुप्स के लिए सलाह दी जाती है, जैसे-
हालांकि, नई स्टडी बताती है कि सर्वाइकल कैंसर सर्वाइवर्स को भी इस लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए।
गुदा कैंसर की जांच के लिए भी कुछ टेस्ट उपलब्ध हैं:
सर्वाइकल कैंसर से जूझ चुकी महिलाएं पहले ही एक बड़ी बीमारी से लड़ चुकी होती हैं। ऐसे में किसी दूसरी, और वह भी रोकी जा सकने वाली बीमारी का खतरा उन्हें दोबारा परेशानी में डाल सकता है।हर किसी की स्क्रीनिंग करना संभव नहीं है, लेकिन जिन महिलाओं की उम्र ज्यादा है और कैंसर हुए लंबा समय बीत चुका है, उनके लिए यह जांच करवाना सुरक्षा की दृष्टि से समझदारी भरा कदम हो सकता है।