स्वास्थ्य

Delhi Pollution Health Risk: दिल्ली की हवा बन चुकी है साइलेंट किलर, बढ़ते कार्बन लेवल से कैंसर और लंग्स डिजीज का खतरा

Delhi-NCR AQI: दिल्ली की जहरीली हवा सिर्फ फेफड़ों नहीं, आंखों और लिवर तक को नुकसान पहुंचा रही है। जानिए बढ़ते कार्बन लेवल से कैसे बढ़ रहा है कैंसर का खतरा।

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Nov 07, 2025
Delhi-NCR AQI (photo- gemini aii)

Delhi Pollution Health Risk: दिल्ली-एनसीआर की हवा इन दिनों इतनी खराब हो चुकी है कि इसे सांस लेने लायक नहीं कहा जा सकता। राजधानी की सड़कों पर धुंध की मोटी परत छाई है, आंखों में जलन बढ़ गई है और लोग खांसी-सांस की समस्या से परेशान हैं। मगर अब विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यह हवा सिर्फ अस्थमा या सर्दी-जुकाम का कारण नहीं, बल्कि धीरे-धीरे शरीर के अंदर ‘साइलेंट पॉइजन’ (Slow Poison) बनकर घुस रही है। जिससे लंग्स, लिवर, ब्रेस्ट और यहां तक कि स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है।

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Air Quality Index crosses 300: कितना खराब है दिल्ली का AQI?

शुक्रवार को दिल्ली के अक्षरधाम इलाके में AQI 322 दर्ज किया गया, वहीं आनंद विहार में यह 329 पहुंच गया। कर्तव्य पथ और लोधी रोड जैसे इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही। आसमान में धुंध और सड़कों पर धूल की मोटी परत ने विजिबिलिटी घटा दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब AQI लगातार 300 से ऊपर रहता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे की स्थिति होती है।

Delhi Pollution Health Risk: प्रदूषण से कैसे बढ़ रहा है कैंसर का खतरा?

ईस्ट दिल्ली के दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की कैंसर विशेषज्ञ डॉ. प्रज्ञा शुक्ला बताती हैं कि अब जो लोग सिगरेट नहीं पीते, उनमें भी फेफड़ों का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, और इसका सबसे बड़ा कारण एयर पॉल्यूशन है। हवा में मौजूद PM2.5, PM10, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे सूक्ष्म कण सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं। ये सीधे लंग्स के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और धीरे-धीरे कैंसर कोशिकाओं को सक्रिय कर देते हैं। WHO ने भी PM2.5 को Group 1 Carcinogen यानी कैंसर पैदा करने वाला प्रमुख तत्व माना है।

PM2.5 Damage to Lungs: बढ़ता कार्बन लेवल और लंग्स पर असर

दिल्ली की हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड और डाइऑक्साइड का स्तर लगातार बढ़ रहा है। यह गैस फेफड़ों में जाकर ऑक्सीजन लेवल कम कर देती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, थकान, और कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं।
लंबे समय तक इसका असर रहने पर फेफड़ों की कोशिकाएं मरने लगती हैं और कार्बन जमा होने से लंग्स की कार्यक्षमता घटती जाती है। यही वजह है कि अब नॉन-स्मोकर्स (Non-smokers) में भी लंग्स कैंसर के केस बढ़ रहे हैं, खासकर महिलाओं और शहरों में रहने वाले युवाओं में।

Eye Irritation Air Pollution: आंखों पर प्रदूषण का असर

दिल्ली की जहरीली हवा से सबसे पहले आंखें प्रभावित होती हैं, क्योंकि धूल और धुआं सीधे उनसे टकराते हैं। आंखों की एलर्जी के कई लक्षण देखने को मिल हैं। इनमें पहला है आंखों में लगातार खुजली और जलन होना। कई मामले में धूल या रेत जैसा अहसास होना। आंखों में धुंधलापन और थकान महसूस होना। आंखों का लाल होना और पानी गिरना। सुबह उठने पर आंखों में सूखापन महसूस होना भी इसके प्रमुख लक्षण है।

How to Protect Lungs from Delhi Smog: प्रदूषण से बचाव के उपाय

घर से बाहर निकलते समय हमेशा N-95 मास्क पहनें। घर में एयर प्यूरीफायर या हवा साफ करने वाले पौधे (जैसे मनीप्लांट, स्पाइडर प्लांट) लगाएं। धूम्रपान और अगरबत्ती, कॉइल का उपयोग घर के अंदर न करें। ट्रैफिक और धूल भरे इलाकों से बचें।पानी ज्यादा पिएं और एंटीऑक्सीडेंट युक्त डाइट लें (जैसे नींबू, ग्रीन टी, आंवला)।

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Updated on:
07 Nov 2025 12:49 pm
Published on:
07 Nov 2025 12:23 pm
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