Disease In Young Women: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में न ठीक से खाने का समय मिलता है और न ही ढंग से शरीर की देखभाल हो पाती है। ऐसे में महिलाओं के लिए यह और भी आवश्यक हो गया है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ऐसा नहीं है कि पुरुषों को इसकी जरूरत नहीं है, लेकिन हाल ही में एक अध्ययन में सामने आया है कि 10 में से 4 भारतीय महिलाएं असंतुलित दिनचर्या के कारण पोषक तत्वों की कमी से होने वाली बीमारियों का शिकार हैं। आइए जानते हैं इसके कारण क्या हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
Disease In Young Women: फरीदाबाद के मेट्रो अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। एक 19 वर्षीय युवती, जो देखने में बिल्कुल स्वस्थ थी, उसे अस्पताल में इसलिए भर्ती कराया गया क्योंकि उसे लंबे समय से एसिडिटी, पेट फूलना, पाचन में गड़बड़ी, थकान और एनीमिया की शिकायत थी। जब डॉक्टरों ने उसकी रोजाना की गतिविधियों और खान-पान की जांच की, तो सामने आया कि यह सब उसकी गलत आदतों का परिणाम था।
ICMR के अध्ययन के अनुसार, भारत में 10 में से 4 महिलाएं ऐसी ही छिपी हुई पोषण संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं, जिनका उन्हें पता भी नहीं चलता। इनमें एनीमिया, विटामिन की कमी और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसे शुरुआती मेटाबोलिक असंतुलन शामिल हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसी महिलाओं का BMI (body mass index) बिल्कुल सामान्य होता है, यानी न तो उनका वजन ज्यादा होता है और न ही कम। इस कारण अक्सर इन बीमारियों पर ध्यान नहीं जाता।
छिपी हुई न्यूट्रिशनल समस्याओं के कारण ICMR के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर इन समस्याओं पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो महिलाओं के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता (Fertility) पर बुरा असर पड़ सकता है। इन समस्याओं के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
सुबह की पहली चाय की गलती डॉक्टरों का कहना है कि सुबह उठते ही खाली पेट चाय पीना या उसके साथ पैक्ड बिस्कुट लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कई लोग इसे ही नाश्ता समझ लेते हैं, जो सबसे बड़ी गलती है। मेट्रो हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डायरेक्टर डॉ. विशाल खुराना ने बताया कि सुबह खाली पेट कैफीन लेने से पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे जलन की समस्या होती है। इसलिए सुबह का नाश्ता संतुलित और पौष्टिक होना चाहिए।
दोपहर का असंतुलित भोजन संतुलित आहार ही बेहतर सेहत की इकलौती चाबी है। आज की युवा पीढ़ी दोपहर के भोजन में दाल-रोटी और सब्जियों की जगह पिज्जा, बर्गर और नूडल्स खाना ज्यादा पसंद करती है। इस प्रकार के जंक फूड में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे आंतों के गुड बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं। इसके अलावा, शाम के समय पिए जाने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स ब्लड शुगर लेवल को एकदम से बढ़ा देते हैं, जिससे कम उम्र में ही फैटी लीवर और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।
रात का भारी डिनर और नींद की कमी पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में युवा अपनी सेहत की अनदेखी कर रहे हैं। हमारे शरीर को उतनी ही कैलोरी की आवश्यकता होती है जितनी खर्च हो सके। यदि शारीरिक मेहनत कम है और कैलोरी का सेवन ज्यादा, तो मोटापा बढ़ना तय है। रात को भारी और वसायुक्त भोजन करने से शरीर का संतुलन बिगड़ता है। इसलिए रात के समय हमेशा हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन ही करना चाहिए।