Social Media Addiction : आजकल सोशल मीडिया से दूर रहना बहुत मुश्किल हो गया है। क्योंकि ये हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन इसके दुष्प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर पड़ रहे हैं। इन दुष्प्रभावों से कैसे बच सकते हैं। जानिए इस लेख के माध्यम से।
Social Media and Mental Health : आज के डिजिटल दौर में सोशल मीडिया हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे वह दोस्तों और परिवार से जुड़ने का माध्यम हो या फिर सूचना और मनोरंजन का जरिया, सोशल मीडिया की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अत्यधिक इस्तेमाल से मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है? हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि हमें सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर हो जाना चाहिए। बल्कि, सही तरीके अपनाकर हम इसके दुष्प्रभावों से बच सकते हैं।
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, यह जरूरी नहीं कि सोशल मीडिया (Social media) का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया जाए, बल्कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसे सही तरीके से कैसे उपयोग किया जाए। अध्ययन में पाया गया कि अत्यधिक स्क्रॉलिंग से अवसाद, चिंता और आत्मसम्मान में कमी आ सकती है।
| शोध संस्थान | अध्ययन का निष्कर्ष |
|---|---|
| गैलप पोल | अमेरिकी युवा औसतन 4.8 घंटे रोजाना सोशल मीडिया पर बिताते हैं। |
| ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय | अत्यधिक स्क्रॉलिंग से अवसाद, चिंता और आत्मसम्मान में कमी आ सकती है। |
| मिकामी अध्ययन | सोशल मीडिया छोड़ने से चिंता और अवसाद कम होता है, लेकिन अकेलापन बढ़ सकता है। |
- सोशल मीडिया पर केवल जरूरी और सकारात्मक चीजों को देखें।
- अनावश्यक कंटेंट और नकारात्मक खबरों से बचें।
- किसी खास उद्देश्य से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें, सिर्फ टाइमपास के लिए नहीं।
- रोजाना सोशल मीडिया के उपयोग का समय निर्धारित करें।
- फोन में टाइम-मैनेजमेंट ऐप्स का उपयोग करें।
- लगातार नोटिफिकेशन देखने से बचें और जरूरी होने पर ही ऐप खोलें।
- हफ्ते में कम से कम एक दिन सोशल मीडिया डिटॉक्स करें।
- छुट्टियों या खास पलों में सोशल मीडिया से दूरी बनाकर वास्तविक जीवन का आनंद लें।
- यदि संभव हो तो दिन के शुरुआत और अंत में सोशल मीडिया से दूर रहें।
- केवल स्क्रॉल करने के बजाय, परिवार और दोस्तों से सार्थक बातचीत करें।
- सोशल मीडिया पर अपने विचारों को सकारात्मक ढंग से व्यक्त करें।
- उन लोगों से जुड़ें जो प्रेरणा देते हैं और अच्छा महसूस कराते हैं।
| संकेत | विवरण |
|---|---|
| लगातार अपर्याप्तता की भावना | ऐसा महसूस करना कि आप पर्याप्त अच्छे नहीं हैं, खासकर शारीरिक छवि और सफलता को लेकर। |
| अकेलेपन की भावना | वास्तविक जीवन की तुलना में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अधिक समय बिताना। |
| साइबरबुलिंग | साइबरबुलिंग का शिकार होना या खुद इसमें शामिल होना, जिससे मानसिक तनाव बढ़ता है। |
| कुछ छूट जाने का डर (FOMO) | ऐसा महसूस होना कि आपका जीवन दूसरों की तुलना में कम रोमांचक है, जिससे चिंता और दुःख होता है। |
| जुनून (सोशल मीडिया एडिक्शन) | सोशल मीडिया पर समय बिताने के लिए अन्य सामाजिक गतिविधियों और निमंत्रणों को ठुकराना। |
| आत्ममुग्धता | अत्यधिक सेल्फी और पोस्ट साझा करने की इच्छा, यह महसूस करना कि ऑनलाइन साझा न करने से जीवन की घटनाएं बेकार हैं। |
सोशल मीडिया को पूरी तरह छोड़ना समाधान नहीं है, बल्कि इसे सही ढंग से इस्तेमाल करने की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय को नियंत्रित करना, सकारात्मक कंटेंट देखना और उपयोगी बातचीत करना आवश्यक है। सही रणनीतियों के साथ, हम सोशल मीडिया का आनंद उठा सकते हैं बिना मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाए।