
Breast cancer cases will increase WHO warning 1 in 20 Women at High Risk of Breast Cancer Breast cancer symptoms
WHO breast cancer warning : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नई रिपोर्ट के अनुसार, हर 20 में से 1 महिला अपने जीवनकाल में ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होगी। यदि कैंसर के मामलों में मौजूदा वृद्धि दर जारी रही, तो 2050 तक हर साल 3.2 मिलियन (32 लाख) नए मामले सामने आएंगे और 1.1 मिलियन (11 लाख) मौतें होंगी।
WHO की इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कम मानव विकास सूचकांक (HDI) वाले देशों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। यह अध्ययन इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें "कैंसर इनसिडेंस इन फाइव कॉन्टिनेंट्स" और WHO मोर्टेलिटी डाटाबेस की जानकारी शामिल है।
IARC वैज्ञानिक डॉ. जोआन किम के अनुसार, "हर मिनट, चार महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है और एक महिला की इस बीमारी से मौत हो जाती है। ये आंकड़े लगातार खराब हो रहे हैं।
ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर 2.3 मिलियन (23 लाख) नए ब्रेस्ट कैंसर मामले और 6.7 लाख मौतें दर्ज की गईं। हालांकि, यह बीमारी अलग-अलग देशों में अलग-अलग दर से फैल रही है।
सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मामले: ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, उत्तरी अमेरिका और उत्तरी यूरोप।
सबसे कम ब्रेस्ट कैंसर के मामले: दक्षिण-मध्य एशिया, मध्य अफ्रीका और पूर्वी अफ्रीका।
सबसे ज्यादा मौतें: मेलानेशिया, पोलिनेशिया और पश्चिमी अफ्रीका।
सबसे कम मौतें: पूर्वी अफ्रीका, मध्य अमेरिका और उत्तरी अमेरिका।
- स्तन में गांठ महसूस होना।
- स्तन के आकार या रूप में बदलाव।
- त्वचा पर डिंपल, लालिमा या स्केलिंग।
- निप्पल में बदलाव या रक्तस्राव।
- बगल (अंडरआर्म) में सूजन या गांठ।
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए कई विधियाँ अपनाई जाती हैं:
स्वयं परीक्षण (Self-Examination) – महिलाएँ अपने स्तनों की नियमित जांच कर किसी भी बदलाव का पता लगा सकती हैं।
मैमोग्राफी (Mammography) – यह एक्स-रे तकनीक है, जिससे ब्रेस्ट ट्यूमर की जांच होती है।
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – यह तकनीक मैमोग्राफी में दिखी किसी भी संदिग्ध गांठ की विस्तृत जानकारी देती है।
एमआरआई स्कैन (MRI Scan) – विस्तृत इमेजिंग के लिए किया जाता है।
बायोप्सी (Biopsy) – इस प्रक्रिया में ऊतक (टिशू) का नमूना लेकर माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है।
जेनेटिक टेस्टिंग (Genetic Testing) – BRCA1 और BRCA2 जीन म्यूटेशन की जांच कर भविष्य में कैंसर के खतरे का आकलन किया जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज इसके चरण (स्टेज) पर निर्भर करता है। आमतौर पर इन उपचार विधियों का उपयोग किया जाता है:
कीमोथेरेपी (Chemotherapy) – कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) – उच्च ऊर्जा विकिरण से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) – शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
सर्जरी (Surgery) – ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी की जाती है।
अनुवांशिक कारण (Genetic Mutations) – BRCA1 और BRCA2 जीन में बदलाव होने पर कैंसर का खतरा अधिक होता है।
गलत जीवनशैली (Lifestyle Factors) – धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन, शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा।
हार्मोनल बदलाव (Hormonal Factors) – लेट प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडिंग न करवाना और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी।
WHO की यह रिपोर्ट हमें बताती है कि ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ रहा है और यदि समय रहते इसका पता न लगाया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए, नियमित स्क्रीनिंग, सही जीवनशैली और शुरुआती जांच से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
Updated on:
19 Mar 2025 03:50 pm
Published on:
19 Mar 2025 09:56 am
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