Fatty Liver Home Remedies : अगर आप भी फैटी लिवर की समस्या से परेशान हो चुके हैं तो दवाइयां खाने के बाद भी लिवर ठीक नहीं हो रहा है तो ते 5 नट्स अपनी डाइट में शामिल करें। सही खान-पान से काफी हद तक फैटी लिवर को कंट्रोल कर सकते हैं।
Fatty liver Diet Plan : क्या आपका लिवर भी चुपचाप बीमार हो रहा है? हम बात कर रहे हैं साइलेंट किलर यानि फैटी लिवर की जो आज दुनिया की लगभग 30% आबादी को अपनी चपेट में ले चुका है। यह समस्या अब सिर्फ बड़े-बुजुर्गों तक सीमित नहीं बल्कि बच्चों और युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। अगर आप सोचते हैं कि इससे लड़ने के लिए सिर्फ दवाइयां ही सहारा हैं। ऐसा नहीं है प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे चमत्कारी उपहार दिए हैं जो आपके लिवर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। हम बात कर रहे हैं नट्स की।
आपने अक्सर सुना होगा कि शराब पीने से लिवर खराब होता है लेकिन नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) उससे बिल्कुल अलग है। इसमें लिवर में फालतू चर्बी जमा हो जाती है जिसका मुख्य कारण मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम हैं। शुरुआत में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते, इसीलिए इसे खामोश महामारी कहा जाता है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि आप इसे सिर्फ अपनी आदतों और खान-पान से काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
साल 2020 की एक रिसर्च बताती है कि नट्स का सेवन दिल की बीमारियों और डायबिटीज जैसे मेटाबॉलिक रिस्क फैक्टर्स को कम करता है और ये सभी फैटी लिवर से सीधे जुड़े हैं। एक बड़े सर्वे में तो ये भी पाया गया कि जो लोग हफ्ते में 4 या उससे ज्यादा बार नट्स खाते हैं उनमें फैटी लिवर का खतरा करीब 20% कम हो जाता है। ये छोटे-छोटे कुरकुरे दाने अनसैचुरेटेड फैट, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं जो लिवर के काम को बेहतर बनाते हैं, सूजन कम करते हैं और फैट जमा होने से रोकते हैं।
Health Tips : FATTY LIVER होगा दूर,करें ये 3 आसान घरेलू उपाय
दिमाग जैसे दिखने वाले अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना हैं। ये सूजन कम करते हैं और लिवर के फैट को घटाने में मदद करते हैं। 2021 के एक अध्ययन में पाया गया कि अखरोट का रोजाना सेवन लिवर के फैट को काफी कम करता है।
कब खाएं: सुबह के समय अखरोट आपको दिन भर ऊर्जा देंगे और ब्लड शुगर को स्थिर रखेंगे। रात में खाने से इनमें मौजूद मेलाटोनिन और मैग्नीशियम अच्छी नींद लाने में मदद करते हैं और रात भर की सूजन को भी कंट्रोल करते हैं।
बादाम विटामिन E, फाइबर और मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं। ये लिवर में फैट मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। बादाम खाने से LDL कोलेस्ट्रॉल कम होता है और ब्लड शुगर लेवल सुधरता है जो फैटी लिवर की रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है।
कब खाएं: सुबह नाश्ते से पहले या उसके साथ बादाम खाने से भूख कम लगती है पाचन सुधरता है और शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। दोपहर में एक मुट्ठी बादाम अनहेल्दी स्नैकिंग से बचा सकते हैं।
पिस्ता एंटीऑक्सीडेंट्स और अच्छे फैट से भरपूर होते हैं। ये फैट मेटाबॉलिज्म से जुड़े जीन्स को नियंत्रित करते हैं और ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम करते हैं। अध्ययन बताते हैं कि पिस्ता स्वस्थ लिपिड प्रोफाइल को बनाए रखने और लिवर को फैट जमा होने से बचाने में मदद करते हैं।
कब खाएं: वर्कआउट से पहले या बाद में पिस्ता खाने से तुरंत ऊर्जा मिलती है और रिकवरी में मदद मिलती है। रात को दूध या केले के साथ खाने से इनमें मौजूद मैग्नीशियम अच्छी नींद को बढ़ावा देता है।
पेकन मोनोअनसैचुरेटेड फैट, विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं जो सूजन से लड़ते हैं और लिवर की कोशिकाओं को बचाते हैं। इन्हें अपनी डाइट में शामिल करने से लिवर का फैट कम होता है और मेटाबॉलिक मार्कर्स सुधरते हैं।
कब खाएं: लंच में सलाद पर क्रंची टॉपिंग के तौर पर इन्हें डालें या सुबह थोड़ी मात्रा में खाने से भूख शांत होगी और स्वस्थ लिपिड प्रोफाइल बनी रहेगी।
ये नट्स सेलेनियम का असाधारण स्रोत हैं एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट जो लिवर के डिटॉक्सिफिकेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने के लिए जरूरी सेलेनियोप्रोटीन्स को बढ़ाता है।
कब खाएं: रोजाना सिर्फ 1-3 ब्राजील नट्स आपकी सेलेनियम की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। इन्हें सुबह या दोपहर में खाएं ताकि सेलेनियम धीरे-धीरे पूरे दिन शरीर में अवशोषित हो।
जरूरी सलाह: ज्यादा मात्रा में सेलेनियम लेना हानिकारक हो सकता है इसलिए रोजाना 1-3 नट्स से ज्यादा न खाएं।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।