Heart Attack Symptoms in Chest: हार्ट अटैक की समस्या आजकल केवल बुजुर्गों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी तेजी से देखने को मिल रही है। ऐसे में अटैक आने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है, जिन्हें जानकर आप समय रहते सतर्क हो सकते हैं। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से इन अहम लक्षणों के बारे में।
Heart Attack Symptoms in Chest: अगर आपकी छाती में बार-बार जलन, दबाव या दर्द जैसा महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। ऐसा दर्द या जलन केवल सामान्य गैस या एसिडिटी नहीं, बल्कि दिल की किसी गंभीर समस्या का शुरुआती संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे लक्षण कई बार हार्ट अटैक या गंभीर ह्रदय रोग की चेतावनी हो सकते हैं, जिसे समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। इसी विषय पर हमने ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत चतुर्वेदी से बात की। आइए, जानते हैं एक्सपर्ट से हार्ट अटैक और एनजाइना से जुड़ी अहम बातें, ताकि वक्त रहते सतर्क रहा जा सके।
डॉ. चतुर्वेदी बताते हैं कि जब दिल की धमनियों में ब्लड फ्लो कम हो जाता है और दिल की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो सीने में भारीपन, दबाव, जलन या जकड़न जैसा दर्द होता है। इसे ही एनजाइना कहा जाता है। यह खुद में हार्ट अटैक नहीं होता, लेकिन समय पर इलाज न हो, तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
सीने के बीच या बाईं तरफ भारीपन, जलन या दबाव जैसा दर्द। यह सबसे आम लक्षण है। ऐसा दर्द हल्का भी हो सकता है या बहुत तेज भी। यह दर्द अक्सर कुछ मिनट तक रहता है और इसे लोग गैस या थकावट समझ लेते हैं, लेकिन यह दिल की बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।
अगर सीने का दर्द शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैलने लगे, जैसे बायां बाजू, जबड़ा या पीठ में, तो यह हार्ट अटैक का गंभीर लक्षण माना जाता है। खासकर बाएं हिस्से में दर्द होना चेतावनी का संकेत है।
थोड़ी सी मेहनत में अगर सांस फूलने लगे या आराम करते हुए भी सांस लेने में परेशानी हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह दिल की पम्पिंग क्षमता कम होने का संकेत हो सकता है।
अगर आप बैठे हैं या आराम कर रहे हैं, फिर भी अचानक पसीना आ जाए, खासकर ठंडा पसीना, तो यह दिल पर अत्यधिक दबाव या खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत हो सकता है।
कई बार हार्ट प्रॉब्लम में पेट में भारीपन, उल्टी जैसा मन या चक्कर आना महसूस होता है। महिलाओं में यह लक्षण ज्यादा सामान्य रूप से नजर आते हैं।
अगर बिना किसी कारण आप बहुत थका हुआ महसूस करें, कमजोरी लगे या चलने-फिरने में असहजता हो, तो इसे दिल की बीमारी से जोड़कर देखा जा सकता है।
हार्ट अटैक या एनजाइना के समय कई लोगों को घबराहट, बेचैनी या घुटन जैसी फीलिंग होती है। अचानक से डर या बैचेनी महसूस होना शरीर का अलार्म सिग्नल हो सकता है।
यह सबसे सामान्य प्रकार का एनजाइना है, जो आमतौर पर तब होता है जब दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, जैसे तेज चलना, सीढ़ियां चढ़ना या तनाव लेना। आराम करने या नाइट्रेट दवा लेने से दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है।
यह गंभीर स्थिति होती है, जो आराम करते हुए भी हो सकती है। ठंड के मौसम, रात में नींद के दौरान या बिना किसी कारण सीने में दर्द या बेचैनी होती है। यह हार्ट अटैक का पूर्व संकेत माना जाता है, इसलिए तुरंत मेडिकल मदद जरूरी है।
यह दुर्लभ लेकिन खतरनाक प्रकार है, जिसमें दिल की धमनियां अचानक सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड फ्लो रुक सकता है और अचानक तेज दर्द महसूस होता है। अगर सही इलाज न मिले तो यह हार्ट अटैक में बदल सकता है।
ईसीजी (ECG) – दिल की इलेक्ट्रिक गतिविधि को रिकॉर्ड करता है, जिससे किसी भी असामान्यता का तुरंत पता चलता है।
ब्लड टेस्ट – खून में ट्रोपोनिन नामक प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से हार्ट डैमेज का संकेत मिलता है।
इकोकार्डियोग्राफी – अल्ट्रासाउंड के जरिए दिल की पम्पिंग क्षमता, वाल्व्स और ब्लड फ्लो की स्थिति जांची जाती है।
स्ट्रेस टेस्ट – वॉकिंग मशीन या दवा के जरिए दिल पर तनाव डालकर देखा जाता है कि ज्यादा मेहनत में दिल कैसे काम करता है।
छाती का एक्स-रे – फेफड़ों और दिल के आकार, स्थिति और किसी भी संक्रमण का पता चलता है।
एंजियोग्राफी – विशेष डाई और एक्स-रे तकनीक से दिल की धमनियों में ब्लॉकेज या सिकुड़न की सटीक स्थिति जानी जाती है।
डायबिटीज और ब्लड शुगर कंट्रोल करें।
ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करें।
वजन नियंत्रित रखें और रोजाना हल्का व्यायाम करें।
मानसिक तनाव से बचें, योग और मेडिटेशन करें।
भारी भोजन करने से बचें, हल्का और सुपाच्य खाना खाएं।