Herpes Simplex Virus Type1: हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस टाइप 1 (HSV-1) यह वायरस कोल्ड सोर यानि मौखिक हर्पीस का कारण है। शोध बताते हैं कि पूरे विश्व में 50 वर्ष से कम उम्र के 3.8 बिलियन लोगों में यह पाया जाता है। अभी जानें इस कभी ठीक न होने वाले वायरस से बचने के उपाय और इसके लक्षण।
Herpes Simplex Virus Type1: हमारे होंठों पर बार-बार होने वाले छालों को कोल्ड सोर कहा जाता है। यह बहुत आम दिखने वाली परेशानी है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। क्या आप जानते हैं? यह हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस टाइप 1 (HSV-1) के कारण होते हैं।
मुख्यत: वयस्क आयु वर्ग इस संक्रमण से प्रभावित है। WHO के अनुसार 50 वर्ष से कम उम्र के लगभग 64% लोग इससे पीड़ित हैं। HSV-1 मौखिक संपर्क से फैलता है और यह मुंह या होंठों के आसपास संक्रमण का कारण बनता है।
यह वायरस इतना खतरनाक है कि शरीर में प्रवेश करने के बाद यह तंत्रिका कोशिकाओं के अंदर छिपा रहता है। तनाव, बीमारी और कभी-कभी धूप से भी यह बार-बार सक्रिय हो जाता है। इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि कई लोगों में यह वायरस बिना लक्षणों के भी फैलता रहता है। आइए, जानते हैं कि एक बार होने के बाद जीवनभर रहने वाले इस वायरस के लक्षण और बचाव के उपाय।
आमतौर पर लोगों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, केवल सक्रिय होने पर ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं। यदि लक्षण दिखाई भी देते हैं तो इन चरणों में सामने आते हैं:
HSV-1 की रोकथाम ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है क्योंकि यह वायरस शरीर से पूरी तरह खत्म नहीं होता। एंटीवायरल दवाएं भी केवल इसके लक्षणों को कम कर सकती हैं, लेकिन यह पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता। इसकी रोकथाम के लिए ये उपाय बहुत हद तक कारगर साबित हो सकते हैं: